दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राज्यसभा में कांग्रेस पर तगड़ा प्रहार किया। धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण को प्रेरणादायक और प्रभावी बताया। पीएम मोदी ने 92 मिनट के अपने भाषण के दौरान कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मॉडल में फैमिली फर्स्ट है, जबकि हमारे लिए विकास का मॉडल, राष्ट्र प्रथम है।
पीएम मोदी ने कहा कि देश में जातिवाद का जहर फैलाने की कोशिश हो रही है। सबका साथ, सबका विकास पर यहां बहुत कुछ कहा गया। ये हम सब का दायित्व है। इसीलिए देश ने हम सब को यहां बैठने का अवसर दिया है। जहां तक कांग्रेस का सवाल है, उनसे सबका साथ सबका विकास के संबंध में कुछ अपेक्षा करना बहुत बड़ी गलती है। ये उनकी सोच के बाहर है। उनके रोडमैप में सही नहीं बैठता। इतना बड़ा दल एक परिवार को समर्पित हो गया है, उनके लिए सबका साथ, सबका विकास संभव ही नहीं है।
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस की राजनीति का मंत्र हमेशा दूसरे की लकीर छोटी करना रहा। इसके कारण उन्होंने सरकारों को अस्थिर किया। किसी भी राजनीतिक दल की सरकार कहीं बनी तो उसे अस्थिर कर दिया। उन्होंने जो ये रास्ता चुना है उसके चलते लोकसभा चुनाव के बाद उनके साथ जो थे, वे भी भाग रहे हैं।
कांग्रेस के मॉडल में फैमिली फर्स्ट है, जबकि हमारे लिए विकास का मॉडल, राष्ट्र प्रथमः उन्होंने कहा, “कांग्रेस के मॉडल में फैमिली फर्स्ट है, जबकि हमारे लिए विकास का मॉडल, राष्ट्र प्रथम है। कांग्रेस की राजनीति का मंत्र हमेशा दूसरे की लकीर छोटी करना रहा. इसके कारण उन्होंने सरकारों को अस्थिर किया। किसी भी राजनीतिक दल की सरकार कहीं बनी तो उसे अस्थिर कर दिया. उन्होंने जो ये रास्ता चुना है उसके चलते लोकसभा चुनाव के बाद उनके साथ जो थे, वे भी भाग रहे हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “यह सर्वविदित है कि कांग्रेस के मन में डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर के प्रति कितना गुस्सा और नफरत थी। उन्होंने कभी भी बाबा साहेब को भारत रत्न के लायक नहीं समझा, लेकिन आज मजबूरी में उन्हें ‘जय भीम’ का नारा लगाना पड़ रहा है।”
उन्होंने कहा कि बाबा साहेब को चुनाव में पराजित करने के लिए क्या क्या नहीं किया गया। कभी भी बाबासाहेब को भारत रत्न के योग्य नहीं समझा गया। इस देश के लोगों ने बाबासाहेब की भावना का आदर किया। आज मजबूरी में कांग्रेस को जय भीम बोलना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि हमारे देश में जब जब आरक्षण का विषय आया, उसे समस्या के समाधान के लिए सत्य को स्वीकार करने का काम नहीं हुआ। देश में विभाजन कैसे हो, तनाव कैसे पैदा हो, वही तरीके अपनाए गए। पहली बार हमारी सरकार ने एक ऐसा मॉडल दिया और सबके साथ, सबके विकास के मंत्र के साथ दिया। हमने सामान्य वर्ग के गरीब को 10% आरक्षण दिया। इस निर्णय का SC, ST और OBC समाज ने स्वागत किया।
इस देश ने आपातकाल का दौर भी देखा है। संविधान की आत्मा को किस तरह से कुचला गया। वो भी सत्ता सुख के लिए किया गया। ये देश जानता है।
हमने तुष्टिकरण नहीं, संतुष्टिकरण का मॉडल दियाः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “कांग्रेस से ‘सबका साथ, सबका विकास’ की उम्मीद करना बहुत बड़ी भूल होगी। यह उनकी सोच से परे है और यह उनके रोडमैप के अनुकूल भी नहीं है, क्योंकि पूरी पार्टी केवल एक परिवार के लिए समर्पित है। कांग्रेस के कार्यकाल में हर चीज में तुष्टिकरण था। यह उनकी राजनीति करने का तरीका था। कांग्रेस के मॉडल में परिवार पहले सबसे ऊपर है।”
2014 के बाद भारत को शासन का एक वैकल्पिक मॉडल मिला: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, “2014 के बाद भारत को शासन का एक वैकल्पिक मॉडल मिला है। यह मॉडल तुष्टिकरण पर नहीं, बल्कि संतुष्टि पर केंद्रित है।”
उन्होंने कहा कि झुनझुना बांटना, लोगों की आंखों पर पट्टी बांधकर अपनी सियासत को चलाए रखना। इनकी नजर वोट की खेती पर होती थी। हमारी कोशिश रही है कि भारत के पास जो भी संसाधन हैं, उनका इष्टतम उपयोग किया जाए। जो समय है, उसको भी बर्बादी से बचाकर के पल-पल का उपयोग जनकल्याण के लिए, देश की प्रगति के लिए खर्च हो।
कांग्रेस का साथ छोड़ भाग रहे हैं उनके साथीः पीएम मोदी ने कहा कि बाबा साहब के प्रति कांग्रेस को कितनी नफरत थी, कितना गुस्सा था, इसके प्रमाण हैं। बाबा साहब को दो-दो बार चुनाव हराने के लिए क्या कुछ नहीं कहा गया। बाबा साहब को कभी भारत रत्न के योग्य नहीं समझा गया। इस देश के लोगों ने बाबा साहब की भावना का आदर किया, सर्व समाज ने किया। तब आज मजबूरन कांग्रेस को जय भीम बोलना पड़ रहा है। जय भीम बोलने में उनका मुंह सूख जाता है। ये कांग्रेस भी रंग बदलने में बड़ी माहिर लग रही है। कितनी तेजी से अपना नकाब बदल देते हैं, ये इसमें साफ-साफ नजर आ रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि, अब कांग्रेस का अध्ययन करेंगे तो इसकी राजनीति जैसे हमारा मूल मंत्र सबका साथ, सबका विकास, वैसे ही उनका रहा दूसरे की लकीर छोटी करना। इसके कारण उन्होंने सरकारों को अस्थिर किया, किसी भी राजनीतिक दल की सरकार कहीं बनी तो उसे अस्थिर कर दिया। इसी काम में वो लगे रहे। यही उनकी नीतियों का परिणाम है कि आज कांग्रेस का ये हाल हो गया है। पीएम मोदी ने कहा कि लोकसभा के बाद जो कांग्रेस के साथ थे वो भी भाग रहे हैं। इसी का परिणाम है कि कांग्रेस का आज यह हाल हो गया है। देश की सबसे पुरानी पार्टी, आजादी के आंदोलन से जुड़ी पार्टी, इतनी दुर्दशा। अगर वे अपनी लकीर लंबी करने में मेहनत करने न तो इतनी दुर्दशा नहीं होती। बिना मांगे सलाह देता हूं, अपनी लकीर लंबा करने में मेहनत करेंगे तो देश कभी न कभी 10 मीटर दूर यहां आने का अवसर देगा।
समाज में जाति का जहर फैलाने की कोशिश की जा रही: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री कहा, “आज समाज में जाति का जहर फैलाने की कोशिश की जा रही है। कई सालों से सभी दलों के ओबीसी सांसद ओबीसी पैनल को संवैधानिक दर्जा देने की मांग कर रहे थे, लेकिन उनकी मांग को खारिज कर दिया गया, क्योंकि यह उनकी (कांग्रेस) राजनीति के अनुकूल नहीं था, लेकिन हमने इस पैनल को संवैधानिक दर्जा दिया।”
पीएम मोदी ने कहा कि विकासशील से विकसित की यात्रा इंफ्रास्ट्रक्चर से गुजरती है और हमने इंफ्रास्ट्रक्चर के महत्व को समझते हुए इस पर बल दिया है। जब इंफ्रास्ट्रक्चर की बात होती है, तो ये भी जरूरी है कि वो समय से पूरे हों। कांग्रेस के कालखंड में अटकाना-भटकाना और लटकाना उनकी संस्कृति बन गई थी। कांग्रेस के इस कल्चर से मुक्ति पाने के लिए हमने प्रगति नाम की व्यवस्था बनाई और मैं स्वयं नियमित रूप से इस प्रगति प्लेटफॉर्म के माध्यम से इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की विस्तार से मॉनिटरिंग करता हूं।
स्टार्टअप के रिवॉल्यूशन को दुनिया ने देखा है। ये स्टार्टअप चलाने वाले ज्यादातर मध्यम वर्ग के नौजवान हैं। हमने शिक्षा नीति में बदलाव लाकर मातृ भाषा में शिक्षा पर बल दिया है। हमने बेटियों के लिए भी सैनिक स्कूल के दरवाजे खोल दिए।
पीएम मोदी ने गत मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर सदन में हुई चर्चा का जवाब दिया था। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में दिल्ली में पीएम संग्रहालय बनाने, सरदार पटेल की स्टेचू ऑफ यूनिटी बनाने, अनुच्छेद 370 को समाप्त करने और तीन तलाक समाप्त करने जैसे फैसलों का उल्लेख करते हुए कहा था कि जब सत्ता सेवा बन जाए तब राष्ट्र निर्माण होता है और जब सत्ता को विरासत बना दिया जाए तो लोकतंत्र खत्म हो जाता है।