दिल्लीः सैन्य टुकड़ियों के बीटिंग रिट्रीट के साथ गणतंत्र दिवस के 04 दिन तक चलने वाले कार्यक्रमों का समापन हुआ। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक विजय चौक पर आयोजित बीटिंग रिट्रीट के दौरान तीनों सेनाओं के साथ CAPF के बैंड ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सामने 30 फुट टैपिंग भारतीय धुनें बजाईं।
समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा केंद्रीय मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों, गणमान्य व्यक्तियों के साथ आम जनता शामिल हुई। बीटिंग रिट्रीट की शुरुआत, सामूहिक बैंड की धुन ‘कदम कदम बढ़ाये जा’ से हुई। उसके बाद ‘पाइप्स एंड ड्रम्स बैंड ‘अमर भारती’, ‘इंद्रधनुष’, ‘जय जन्म भूमि’, ‘नाटी इन हिमालयन वैली’, ‘गंगा जमुना’ और ‘वीर सियाचिन’ जैसी मनमोहक
धुनें बजायी गयीं।
समारोह की शुरुआत में सेना द्वारा राष्ट्रपति को नेशनल सैल्यूट दिया। इसके बाद तिरंगा फहराया गया और राष्ट्रगान की धुन बजाई गई। तीनों सेनाओं के बैंड ने सेरेमनी की शुरुआत धुन ‘कदम-कदम बढ़ाए जा’ बजाकर की।
पाइप्स एंड ड्रम्स बैंड ने अमर भारती बजाकर ‘मैप ऑफ इंडिया’ बनाया। CAPF बैंड ने विजय भारत का संगीत पेश किया। एयरफोर्स ने गैलेक्सी राइडर धुन पेश की। इस धुन को रिटायर्ट विंग कमांडर जी जयचंद्रन ने तैयार किया था।
इस दौरान सेनाओं के द्वारा कौरवों-पांडवों, सलामी देते जवान, एक पेड़ मां के नाम और चक्रव्यूह की आकृति तैयार की गई।
बीटिंग रिट्रीट कार्यक्रम का समापन ‘सारे जहां से अच्छा’ के साथ किया गया। समारोह के अंत में सभी बैंड मास्टर राष्ट्रपति के पास गए और बैंड वापस ले जाने की इजाजत मांगी। इसके बाद समारोह समाप्त किया गया।
बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी से पहले 28 जनवरी को विजय चौक पर फुल ड्रेस रिहर्सल की गई थी। इसमें सेना, नेवी, एयरफोर्स और CAPF के बैंड ने शानदार धुनों का प्रदर्शन किया। इसे लेकर विजय चौक और उसके आसपास की कुछ सड़कों पर यातायात को प्रतिबंधित किया गया था। दिल्ली यातायात पुलिस ने एडवायजरी भी जारी की थी।
आपको बता दें कि बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी की परंपरा राजा महाराजाओं के समय चली आ रही है। जब सूर्यास्त के बाद जंग बंद होने का ऐलान होता था। बिगुल बजाते ही सैनिक युद्ध बंद कर पीछे हट जाते थे।
ये परम्परा 300 साल से भी ज्यादा पुरानी है। भारत के अलावा ब्रिटेन, कनाडा, अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों में बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी होती है। भारत में इसकी शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी।
इससे पहले 2024 में तीनों सेनाओं के साथ CAPF के बैंड ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के सामने 31 क्लासिकल धुनें बजाई थीं। तीनों सेनाओं के बैंड ने सेरेमनी की शुरुआत ‘शंखनाद’ की धुन बजाकर की थी।
शंखनाद के बाद पाइप और ड्रम बैंड के जरिए वीर भारत, संगम दूर, देशों का सरताज भारत, भागीरथी और अर्जुन धुन बजाई गई थीं। CAPF बैंड भारत के जवान और विजय भारत का संगीत पेश किया था।