संतोष दुबे, संवाददाता प्रखर प्रहरी
दिल्लीः दिल्ली में यमुना विहार स्थित डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर कॉलेज में  नारी शक्ति संगम के अंतर्गत “महिला कल आज और कल” कार्यक्रमों की श्रृंखला सम्पन्न हो गई। इस कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रस्तुत करते हुए सुश्री प्रतिमा लाकड़ा ने कहा कि नारी शक्ति संगम के माध्यम से सभी बहनों को एक साथ एक मंच पर लाने का प्रयास किया गया है, जिससे समाज तथा राष्ट्र के विकास में महिलाओं की भूमिका सुनिश्चित करने में सहायता मिलेगी। यह कार्यक्रम तीन सत्रों को था। इसके पहले सत्र में मुख्य अतिथि के तौर पर सुश्री के. टोम्बी शामिल हुईं। उन्होंने इस मौके पर  महिलाओं को निरंतर हिम्मत और लग्न से आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा दी और भारत के विकास में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित किया।
वहीं, डॉ. विभूति ने नारी शक्ति संगम में आईं महिलाओं का मार्गदर्शन करते हुए बताया कि प्रत्येक राष्ट्र का एक आदर्श होता है, जिसको समझना आवश्यक है और इसी समझ के आधार पर राष्ट्र का उत्थान किया जा सकता है। उन्होंने वैदिक युग से वर्तमान युग तक के अनेक उदाहरणों के माध्यम से राजनीति, संस्कृति, समाज तथा अर्थ क्षेत्र में महिलाओं के योगदान को रेखांकित किया।
प्रथम सत्र के उपरांत ‘वर्तमान में महिला की स्थिति’ विषय पर चर्चा सत्र में काफी संख्या में आईं महिलाओं ने अपने-अपने अनुभब, प्रश्न तथा सुझाव रखे। तीन गटों में सम्पन्न हुए इस सत्र में प्रो. प्रेरणा मल्होत्रा जी , प्रतिभा लाकड़ा तथा चारु कालरा जी ने ने सभी के प्रश्नों व जिज्ञासा का विस्तारपूर्वक समाधान बताया।
‘भारत के विकास में महिलाओं की भूमिका’ विषय पर कार्यक्रम के समापन सत्र में वात्सल्य ग्राम वृंदावन की अधिष्ठात्री परम पूज्य दीदी माँ ऋत्मभरा ने कार्यक्रम में आयी हुई बहनों को आशीर्वचन के रूप में मार्गदर्शन किया। उन्होने कहा कि भारत की नारी निराश्रित नहीं है। वह तो प्रत्येक युग में समाज का नेतृत्व करती आई है और समाज तथा राष्ट्र के उत्थान में अग्रणी पंक्ति में खड़ी रही है। भारतीय सनातनी व्यवस्था में पाली-बड़ी भारत की बेटियों का न केवल भारत में अपितु वैश्विक स्तर पर राष्ट्र का मान वर्धन किया है। मध्यकाल की राजनाइटिक गुलामी के कारण निश्चित की गई कुछ मर्यादाओं (बाल विवाह, पर्दा प्रथा) का वर्णन करते हुए उन्होने बताया कि ये मर्यादाएँ कुछ समय के लिए निश्चित कि गयी थीं। उन्होंने कहा कि जब जब भारत को नेतृत्व की आवश्यकता हुई तब तब भारत में महिलाओं ने नेतृत्व प्रदान किया चाहे स्वतन्त्रता संग्राम का समय रहा हो या स्वतन्त्रता पश्चात का समय।
उन्होने बताया कि निखारना और चमकना ही स्त्रियॉं की प्रवृत्ति है और भारतीय संस्कृति के अनुरूप आचरण ही भारत और भारतीय स्त्रियों का उपकार करेगा। कार्यक्रम के समापन के समय सुश्री बीना पांडे जी ने धन्यवार ज्ञापन किया।
इस सत्र में केंद्रीय कानूनी विभाग में अतिरिक्त सचिव डॉक्टर अंजू राठी राणा ने मुख्य अतिथि के तौर पर भारत के विकास में महिलाओं की भूमिका ध्यातव्य है और वर्तमान सरकार तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा महिलाओं के सम्मान में लिए गए निर्णयों के बारे मे चर्चा की। उन्होने नारी शक्ति वंदन अधिनियम को भारत सरकार द्वारा उठाया गया महत्त्वपूर्ण कदम बताया व कहा कि इस अधिनियम से महिलाओं के विकास के साथ समाज व राष्ट्र का विकास भी सुनिश्चित होगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महिला समन्वय दिल्ली प्रान्त की संयोजिका एडवोकेट प्रीतिमा लाकड़ा जी ने की और यमुना विहार विभाग की संयोजिका प्रतिभा भटनागर जी इस अवसर पर उपस्थित रही, कार्यक्रम में दिल्ली प्रांत कार्यकारणी सदस्य श्रीमान ओमप्रकाश जी, श्रीमान सतीश जी, श्रीमान राजवीर जी और यमुना विहार विभाग संघचालक श्रीमान अरुण जी, यमुना विहार विभाग प्रचारक श्रीमान श्रवण जी भी उपस्थित रहे।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here