दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को शिवसेना के नाम-निशान से जुड़ी याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने उद्धव गुट के वकील अभिषेक मनु सिंघवी की इस मामले में तत्काल सुनवाई की मांग को ठुकरा दिया और कहा कि इसकी एक प्रक्रिया होती है। इसके तहत कल फिर से याचिका दाखिल करें।

आपको बता दें कि चुनाव आयोग के शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और तीर-कमान निशान दे दिया है, जिसके खिलाफ उद्धव गुट सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। उधर, शिंदे गुट के विधायकों ने सोमवार सुबह विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर से मुलाकात की और विधानसभा के शिवसेना कार्यालय पर दावा किया और फिर उस पर कब्जा कर लिया।

उद्धव गुट की याचिका में कहा गया कि चुनाव आयोग ने विवाद के निपटारे का आधार पार्टी के 1999 के संविधान को बनाया,  जबकि बालासाहेब ठाकरे ने 2018 में पार्टी के संविधान में संशोधन कर दिया था। 2018 के संविधान के तहत शिवसेना अध्यक्ष पार्टी में सर्वोच्च होंगे। पार्टी से किसी को निकालने, बैठक करने या पार्टी में किसी को भी शामिल करने का आखिरी फैसला पार्टी अध्यक्ष का ही होगा।

1999 के पार्टी के संविधान के मुताबिक, पार्टी प्रमुख के पास इस तरह की कोई पावर नहीं थी। उद्धव गुट ने कहा कि चुनाव आयोग ने 2018 के संविधान को रिकॉर्ड पर रखने का समय नहीं दिया। साथ ही कहा कि पार्टी का अधिकांश कैडर और कार्यकर्ता उद्धव ठाकरे के साथ हैं। चुनाव आयोग ने फैसला लेते वक्त नए संविधान को अनदेखा किया है। वहीं गुट ने सुप्रीम कोर्ट से मामले की सुनवाई पूरी होने तक चुनाव आयोग के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है।

उधर, शिंदे गुट के मुख्य सचेतक भरत गोगावले अन्य विधायकों के साथ विधानसभा पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमने स्पीकर को नोटिस दिया है। हम ECI के आदेश का पालन कर रहे हैं। आगे कैसे बढ़ना है, इस पर हम विचार करेंगे। ECI ने हमें शिवसेना के रूप में मान्यता दी है, इसलिए यह कार्यालय अब हमारा है।

वहीं शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने दावा किया है कि शिवसेना का नाम और चुनाव चिह्न तीर कमान को खरीदने के लिए 2000 करोड़ रुपए का सौदा हुआ है। राउत ने रविवार को सोशल मीडिया में लिखा था कि 2,000 करोड़ रुपए एक शुरुआती आंकड़ा है और यह पूरी तरह सच है।

उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल के करीबी एक बिल्डर ने यह जानकारी साझा की है। इसका खुलासा वे जल्द करेंगे। वहीं, राउत के इस बयान पर CM एकनाथ शिंदे के विधायक सदा सर्वंकर ने पूछा कि क्या उस डील के कैशियर संजय राउत हैं?

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को अपने समर्थकों से कहा था कि गली-गली में जाकर लोगों को बताइए कि पार्टी का चुनाव चिह्न ‘तीर-कमान’ चोरी हो गया है। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा था कि चोर को सबक सिखाने की जरूरत है। वह पकड़ा गया है। मैं चोर को तीर-कमान लेकर मैदान में आने की चुनौती देता हूं और हम एक जलती हुई मशाल से उसका मुकाबला करेंगे

आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना बताते हुए शुक्रवार शाम शिवसेना का नाम और तीर-कमान का निशान इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी थी। आयोग ने पाया था कि शिवसेना का मौजूदा संविधान अलोकतांत्रिक है। उद्धव गुट ने बिना चुनाव कराए अपनी मंडली के लोगों को अलोकतांत्रिक रूप से पदाधिकारी नियुक्त करने के लिए इसे बिगाड़ा।

चुनाव आयोग ने यह भी पाया था कि शिवसेना के मूल संविधान में अलोकतांत्रिक तरीकों को गुपचुप तरीके से वापस लाया गया, जिससे पार्टी निजी जागीर के समान हो गई। इन तरीकों को चुनाव आयोग 1999 में नामंजूर कर चुका था। पार्टी की ऐसी संरचना भरोसा जगाने में नाकाम रहती है।

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