Courtesy AFP

दिल्लीः तुर्किये और सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इन दोनों देशों में गत सोमवार को यानी छह फरवरी को आए विनाशकारी भूकंप के कारण अब तक 21 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, करीब 64 हजार लोग घायल हुए हैं। इस बीच भारत सहित 95 से ज्यादा देश तुर्किये और सीरिया में मदद पहुंचा रहे हैं। भारतीय की रेस्क्यू टीम ने तुर्किये के नूरदागी शहर में एक 6 साल की बच्ची को रेस्क्यू किया है। केंद्रीय गृहमंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्वीट कर कहा कि ऑपरेशन दोस्त के तहत तुर्किये पहुंची नेशनल डिजास्टर रिस्पोंस फोर्स (NDRF) ने एक बच्ची को रेस्क्यू किया है।

तुर्किये में 14,351 लोगों की जान जा चुकी है और 35 हजार से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। वहीं, सीरिया में 3,162 लोग मारे गए और 4 हजार से ज्यादा जख्मी हुए हैं।

मौसम राहत एवं वचाव कार्यों में बाधा उत्पन्न कर रहा है। कई शहरों में तापमान माइनस 2 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। लोग खुद को गर्म रखने के लिए पार्क में रखी बेंच और कपड़े जला रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी स्थिति में लोगों को हाइपोथर्मिया होना का खतरा है।

तुर्किये के गाजियांटेप शहर में रहने वाले अहमत हुसैन ने कहा- हालात बेहद खराब हैं। बच्चों को ठंड लग रही है। लड़कियां तक मलबे में दब गई हैं। बच्चों को गर्म रखने के लिए हमने पार्क में रखी लकड़ी की कुछ बेंच और कपड़े जलाए हैं। ऐसा हर दिन नहीं किया जा सकता। सरकार ने जो शेल्टर के लिए जो टेंट बनाए हैं, उन में रहकर ठंडी हवा से नहीं बचा जा सकता।

उधर, राहत सामग्री लेकर संयुक्त राष्ट्र (UN)  की रेस्क्यी टीम पहली बार गुरुवार को सीरिया पहुंची। 6 फरवरी को आए भूकंप के बाद सड़कें बंद होने के कारण UN की टीम यहां नहीं पहुंच पाई थी।

UN का कहना कि बर्फबारी और बारिश के कारण भूकंप से प्रभावित दोनों ही देशों में बचाव कार्य प्रभावित हो रहा है। इमरजेंसी सर्विसेज की टीमों को रेस्क्यू में काफी दिक्कत हो रही है। एपिसेंटर वाले गाजियांटेप शहर के लोगों का कहना है कि तबाही के 12 घंटे बाद भी उन तक मदद नहीं पहुंची थी।

आपको बता दें कि तुर्किये भूकंप का केंद्र था। इसे देखते हुए एक्सपर्ट्स का कहना है कि यहां टैक्टोनिक प्लेट्स 10 फीट (3 मीटर) तक खिसक गईं। दरअसल, तुर्किये 03 टैक्टोनिक प्लेट्स के बीच बसा हुआ है। ये प्लेट्स हैं- एनाटोलियन टैक्टोनिक प्लेट, यूरोशियन और अरबियन प्लेट।

विशेषज्ञों का कहना है कि एनाटोलियन टैक्टोनिक प्लेट और अरबियन प्लेट एक दूसरे से 225 किलोमीटर दूर खिसक गई हैं। इसके चलते तुर्किये अपनी भौगोलिक जगह से 10 फीट खिसक गया है। इटली के सीस्मोलॉजिस्ट डॉक्टर कार्लो डोग्लियोनी ने बताया कि टैक्टोनिक प्लेट्स में हुए इस बदलाव के चलते हो सकता है कि तुर्किये, सीरिया की तुलना में 5 से 6 मीटर (लगभग 20 फीट) और अंदर धस गया हो। उन्होंने कहा- हालांकि ये जानकारी शुरुआती डेटा से मिली है। आने वाले दिनों में सैटेलाइट इमेज से सटीक जानकारी मिल सकेगी।

आपको बता दें कि तुर्किये और सीरिया में ये तबाही सोमवार को आए तीन बड़े भूकंपों के कारण आई है। प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक पहला तुर्किये के वक्त के मुताबिक, सोमवार सुबह करीब चार बजे (7.8) और दूसरा करीब 10 बजे (7.6) और तीसरा दोपहर 3 बजे (6.0)। इसके अलावा 243 आफ्टर शॉक्स दर्ज किए गए। इनकी तीव्रता 4 से 5 रही।

यूएन (UN) यानी संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि हिमपात और बारिश के कारण भूकंप से प्रभावित दोनों ही देशों में बचाव कार्य प्रभावित हो रहा है। इमरजेंसी सर्विसेज की टीमों को रेस्क्यू में काफी दिक्कत हो रही है। तुर्किये के हताय प्रांत में एक आदमी ने रोते हुए न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि इमारतों के ढेर में दबे लोग जान बचाने के लिए चीख रहे हैं। भूख, चोट और कड़ाके की ठंड से परेशान हैं।

भूकंप प्रभावित तुर्किये तथा की मदद के लिए दुनियाभर के देशों ने हाथ बढ़या है। विभिन्न देशों में तुर्किये और सहायता सामग्रियां भेजीं है।

देश का नाम………………….तुर्किये और सीरिया के लिए मदद
दक्षिणइ कोरिया………………5 मिलियन की मदद देने की घोषणा की है।
चीन…………………………….6 मिलियन की मदद देन की घोषणा की है।
ऑस्ट्रेलिया-न्यूजीलैंड…………11 मिलियन की मदद देने की घोषणा की है।
भारत……………………………इंडियन एयरफोर्स का C-17 विमान 2 NDRF टीमों, डॉक्टरों और राहत सामग्री के साथ भेजा।
अमेरिका………………………..79 लोगों की दो सर्च ऑपरेशन टीम, 100 फायर फाइटर्स और इंजीनियर भेजें।
यूरोपियन यूनियन………………सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन टीम भेजी
रूस……………………………..बचाव कार्य के लिए 300 सैनिक और हेलीकोप्टर्स
इजरायल………………………..बचाव कार्य के लिए 150 इंजीनियर, मेडिकल स्टाफ
ब्रिटेन…………………………….76 रेस्क्यू स्पेशलिस्ट की टीम
पाकिस्तान………………………सर्च रेस्क्यू टीम और 25 टन की राहत सामग्री भेजी।

इनके अलावा चेक रिपब्लिक, फ्रांस, माल्ता, नीदरलैंड, पोलैंड, अल्जेरिया, इटली, मोल्दोवा, अल्बानिया, उज्बेकिस्तान, हंगरी, जर्मनी, सर्बिया, स्लोवाकिया, आर्मेनिया और कतर ने भी तुर्किये और सीरिया में मदद भेजने का ऐलान किया है।

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