दिल्लीः वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन से चरमराई अर्थव्यवस्था अब पटरी पर लौट रही है। अब लोग अपने बिजनेस और वेंचर्स को नए सिरे से शुरू करना चाहने लगे हैं। लोग नया स्टार्टअप ओपन कर करने लगे हैं। इस वजह से कर्ज (लोन) के लिए बैंकों की ओर रूख करने लगे हैं। इन सभी बातों के अलावा हर किसी को अपनी छोटी-बड़ी जरूरतें पूरी करने के लिए लोन की जरूरत पड़ ही जाती है।

आपको बता दें कि फाइनेंस के सेक्टर में जॉब के लिए कई कंपनियों ने केंडीडेट का अच्छा सिबिल (CIBIL) स्कोर भी जरूरी कर दिया है। ऐसे में एक अच्छा सिबिल स्कोर बनाए रखना जरूरी होता है।

क्या है सिबिल स्कोर…सिबिल यानी क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो इंडिया लिमिटेड भारतीय रिजर्व बैंक से लाइसेंस प्राप्त क्रेडिट स्कोर की सूचना देने वाली कंपनियों में से एक है। इसके अलावा भारत में इक्विफैक्स, एक्सपेरियन और सीएफआई हाईमार्क भी क्रेडिट यानी कर्ज के बारे में जानकारी देती हैं।

सिबिल स्कोर 300 से 900 के बीच तीन अंकों का एक नंबर है, जो व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री दिखाता है। इससे पता चलता है कि बैंक या नॉन-बैंकिंग संस्थाओं के साथ व्यक्ति का लेनदेन कैसा रहा है। सिबिल स्कोर जनरेट करने के लिए कम से कम एक बार लोन लेना होता है। यह एक दिन में नहीं बनता, इसके लिए 18 से 36 महीने लगते हैं।

लोन के लिए सिबिल स्कोर का महत्वः आपको बता दें कि लोन की प्रक्रिया में सिबिल स्कोर अहम रोल अदा करता है। ये अच्छा होता है, तो लोन अप्रूव होने में समस्या नहीं आती है और इसके कम होने पर लोन मिलना मुश्किल हो जाता है। अधिकतर बैंक या फाइनेंस कंपनियां लोन देने से इंकार तक कर देती हैं। अच्छे सिबिल स्कोर से कम ब्याज पर लोन मिलने की भी संभावना रहती है। सिबिल स्कोर 300 से 550 तक कमजोर, 550 से 650 तक एवरेज, 650 से 750 तक अच्छा और 750 से 900 के बीच सबसे अच्छा माना जाता है।

सिबिल स्कोर ठीक रखने के लिए इन बातों का रखें ध्यान…

  •  अगर आपने कोई लोन लिया है और समय पर EMI पेमेंट नहीं कर रहे हैं तो ये आपके सिबिल स्कोर के लिए अच्छा नहीं है। इस आदत को आज ही बदल डालें। लोन की ईएमआई समय पर दें। इससे सिबिल स्कोर सुधरेगा और मेन्टेन रहेगा।
  • मौजूदा समय में क्रेडिट कार्ड अब लोगों की जरूरतें पूरी करने का बड़ा साधन बन गया है। हालांकि, इसके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हैं। क्रेडिट कार्ड का बिल समय पर न भरने पर भी सिबिल स्कोर कम होता है। इसलिए इसका बिल समय पर भरें, चाहे वह मिनिमम पैमेंट ही क्यों न हो।
  • किसी बैंक या फाइनेंशियल कंपनी से उतना ही कर्ज लें, जितना आसानी से चुका पाएं। क्योंकि ज्यादा कर्ज लेने पर ईएमआई अधिक होगी और इसके भुगतान में कोताही बरतने पर सीधा असर सिबिल स्कोर पर पड़ेगा।
  • आज कई तरह के मोबाइल एप मौजूद हैं जिनका उपयोग कर सिबिल स्कोर देखा जा सकता है। ऐसा करने से बचना चाहिए, क्योंकि बार-बार स्कोर चैक करने से भी सिबिल डाउन होता है।
  • जॉइंट अकाउंट या किसी और के लोन का गारंटर बनने से हमेशा बचना चाहिए। क्योंकि साथी द्वारा लोन लेने के बाद कोई भी चूक सीधे जॉइंट अकाउंट होल्डर के सिबिल स्कोर को भी प्रभावित करेगी। इसलिए बेहतर यही है कि ऐसी जिम्मेदारी उन्हीं के लिए लें, जिन पर आप अच्छी तरह भरोसा करते हैं।

कैसे चेक करें सिबिल स्कोरसिबिल स्कोर पेन नंबर की मदद से देखा जाता है। सिबिल स्कोर आधिकारिक सिबिल वेबसाइट www.cibil.com पर फ्री में देखा जा सकता है। लेकिन, यह सुविधा साल में सिर्फ एक बार मिलती है। एक से ज्यादा बार सिबिल वेबसाइट से सिबिल स्कोर चेक करने के लिए पेड सब्सक्रिप्शन प्लान लेना पड़ता है। इसके लिए 550 रुपए का मासिक सब्सक्रिप्शन प्लान लेना पड़ता है। सिबिल वेबसाइट के अलावा मोबाइल एप, बैंकिंग सेवा एग्रीगेटर्स या नॉन बैंकिंग संस्थान की वेबसाइट से भी सिबिल स्कोर चेक किया जा सकता है।

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