श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर में सरकार ने 20 नेताओं की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों को हटा दिया है। यानी इन नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली गई है। वहीं, कुछ नेताओं के सुरक्षा घेरे में कटौती हुई है। सरकार ने राजनेताओं को मिल रहे सुरक्षा कर्मियों के अलावा इनकी एस्कोर्ट सुविधा भी वापस ले ली है । जिन नेताओं की सुरक्षा वापस ली गई है, उनमें अधिकांश नेता पूर्व विधायक हैं, जबकि एक पूर्व सांसद है।

इनके अलावा प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के दामाद एवं जेएंडके सॉफ़्टवेयर टेक्नॉलाजी पार्क ऑफ इंडिया के निदेशक मोहम्मद असीम खान की  भी सुरक्षा हटाई गई है। कई नेताओं की सुरक्षा के एक दो सेक्शन कम किए गए हैं। सुरक्षा वापस लिए जाने वाले लोगों में नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी दोनों के नेता शामिल हैं।

आपको बता दें कि इन नेताओं के पास लम्बे समय से जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और एसएसबी की सुरक्षा रही है। जिन नेताओं की सुरक्षा वापस हुई है, उनमें पीर अफाक अहमद, पूर्व एमएलए नेशनल कॉन्फ्रेंस, अली मोहम्मद डार पूर्व एमएलसी नेशनल कॉन्फ्रेंस, ग़ुलाम नबी भट्ट पूर्व एमएलए नेशनल कॉन्फ्रेंस, मीर सैफ़ुल्लाह पूर्व एमएलए नेशनल कॉन्फ्रेंस, चौ. मोहम्मद रमजान पूर्व एमएलए नेशनल कांफ्रेंस, जीएस ओबराय कोषाध्यक्ष नेशनल कॉन्फ्रेंस, मुबारक गुल पूर्व एमएलए नेशनल कॉन्फ्रेंस, अली मोहम्मद सागर पूर्व एमएलए नेशनल कॉन्फ्रेंस, कैसर अहमद लोन पूर्व एमएलसी नेशनल कॉन्फ्रेंस, तनवीर सादिक़ निजी सचिव उमर अब्दुल्ला पूर्व सीएम, मुश्ताक अहमद शाह पूर्व एमएलए पीडीपी, मुजफ्फर हुसैन बेग पूर्व सांसद पीडीपी,  सरताज अहमद मदानी पूर्व एमएलए पीडीपी, नाज़िर अहमद खान डीडीसी चेयरपर्सन, बडगाम पीडीपी, पीरजादा ग़ुलाम अहमद शाह पूर्व एमएलए नेशनल कांफ्रेंस, मंज़ूर अहमद वाणी सीनियर वाइस प्रेसिडेंट नेशनल कॉन्फ्रेंस, ग़ुलाम नबी शाहीन पूर्व एमएलसी नेशनल कॉन्फ्रेंस, शेख अहमद सलूरा नेता पीडीपी, मोहम्मद आसीम खान निदेशक जेएंडके सॉफ़्टवेयर टेक्नॉलाजी पार्क ऑफ इंडिया और आसिया नकाश, पूर्व एमएलए पीडीपी शामिल हैं।

इससे पहले जनवरी में पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला और गुलाम नबी आजाद सहित जम्मू-कश्मीर के चार पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिल रहे विशेष सुरक्षा समूह (एसएसजी) का दायरा कम कर दिया गया था। केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन ने साल 2000 में स्थापित एलीट ‘एसएसजी’ इकाई को बंद करने का फैसला किया था। केंद्र द्वारा इस सम्बंध में 31 मार्च, 2020 को एक राजपत्र अधिसूचना – जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (राज्य कानूनों का अनुकूलन) आदेश, 2020 जारी किया गया था। इसके माध्यम से पूर्ववर्ती जम्मू और कश्मीर के विशेष सुरक्षा समूह अधिनियम में संशोधन किया गया है। एसएसजी सुरक्षा के साथ पूर्व मुख्यमंत्रियों और उनके परिवारों को प्रदान करने वाले एक खंड को हटा दिया गया था। यह निर्णय सुरक्षा समीक्षा समन्वय समिति द्वारा लिया गया था।

पहले एसएसजी की निगरानी एवं प्रबंधन आईजी या उससे ऊपर के रैंक वाला अधिकारी करता था। अब वह कमांड पुलिस अधीक्षक स्तर से नीचे के अधिकारी को सौंपी गई है। एसएसजी अब सेवारत मुख्यमंत्रियों और उनके परिवार के सदस्यों की सुरक्षा करेगी। इस फैसले से फारूक अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद और दो अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की सुरक्षा घेरा कम हो गया था। हालांकि, फारूक अब्दुल्ला और ग़ुलाम नबी आजाद को राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड, जिसे ब्लैक कैट कमांडो के रूप में भी जाना जाता है, का सुरक्षा कवच प्रदान किया जाता है।वजह, इन्हें जेड-प्लस सुरक्षा प्राप्त है। फरवरी 2019 में पुलवामा हमले के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 18 अलगाववादियों और 155 नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली थी।

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