दिल्ली डेस्कः भुखमरी के मामले में पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल हमसे बेहतर स्थिति में हैं। सिर्फ अफगानिस्तान ही इस मामले में भारत से बदतर स्थिति में ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की रैंकिंग में लगातार दूसरे साल गिरी है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 की लिस्ट में भारत 107वें नंबर पर है। पिछले साल हम 101 नंबर पर था। यानी इस साल छह पायदान और फिसले हैं। आपको बता दें कि इस लिस्ट में दुनिया के कुल 121 देश शामिल हैं।

ग्लोबल हंगर इंडेक्स में पाकिस्तान की रैंकिंग 99, बांग्लादेश की 84, नेपाल की 81 और श्रीलंका की 64 है। इस सूची में सिर्फ अफगानिस्तान ही 109वीं रैंक के साथ भारत से पीछे है। आपको बता दें कि गत वर्षों में भारत की पोजिशन में 13 अंकों की गिरावट आई है। 2019 में हम 94वीं रैंक पर थे। इस साल इस सूची में 17 देश एकसाथ टॉप पर आए हैं। इनमें चीन, तुर्की और कुवैत शामिल हैं। इनका ग्लोबल हंगर इंडेक्स स्कोर 5 से कम है।

गलत जानकारी देना हंगर इंडेक्स का हॉलमार्कः भारत
भारत सरकार ने कहा है कि गलत जानकारी देना ग्लोबल हंगर इंडेक्स का हॉलमार्क लगता है। केंद्र सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि भारत की छवि खराब करने के लिए कोशिश इसमें साफ देखी जा सकती है। भारत को ऐसे देश के रूप में दिखाया जा रहा है जो अपनी आबादी के लिए फूड सिक्योरिटी और पोषण की जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहा है।

यह इंडेक्स भुखमरी को गलत तरीके से मापता है। इसमें जो मेथड इस्तेमाल किया जाता है वह भी गंभीर रूप से गलत है। इस इंडेक्स के चार में से तीन इंडिकेटर बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े हैं और पूरी आबादी का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।

आपको बता दें कि पिछले साल ग्लोबल हंगर इंडेक्स में 100 के पार रैंक जाने के बाद भारत सरकार ने इस रिपोर्ट पर सवाल उठाए थे। सरकार ने इसे जमीनी हकीकत से बिल्कुल अलग बताया था। सरकार ने दावा किया था कि इस इंडेक्स को तैयार करने में जो मेथडोलॉजी इस्तेमाल की गई है, वह साइंटिफिक नहीं है।

सरकार ने अपने बयान में फूड एंड एग्रीकल्चरल ऑर्गनाइजेशन (FAO) की ‘द स्टेट ऑफ फूड सिक्योरिटी एंड न्यूट्रिशन इन द वर्ल्ड 2021’ पर भी सवाल उठाए हैं। हंगर इंडेक्स में अंडरनरिश्मेंट का डेटा FAO की इसी रिपोर्ट से लिया गया है।

कांग्रेस ने बोला हमलाः वहीं, कांग्रेस सांसद एवं पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ग्लोबल हंगर इंडेक्स का हवाला देते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि 2014 से मोदी सरकार के 8 साल के दौरान हमारा GHI स्कोर खराब होता गया है। माननीय पीएम कुपोषण, भुखमरी और बच्चों में स्टंटिंग और वेस्टिंग जैसे मुद्दों पर कब बात करेंगे।

क्या है ग्लोबल हंगर इंडेक्सः जीएचआई ((GHI) यानी ग्लोबल हंगर इंडेक्स  बताता है कि किसी भी देश में भुखमरी की स्थिति क्या है। इस लिस्ट को हर साल कंसर्न वर्ल्डवाइड और वर्ल्ड हंगर हेल्प (जर्मनी में Welthungerhilfe) नामक यूरोपीयन NGO तैयार करते हैं। दुनियाभर के अलग-अलग देशों में 4 पैमानों का आंकलन कर इंडेक्स को तैयार किया जाता है।

कैसे किया जाता है कैलकुलेटः
प्रत्योक देश का जीएचआई  स्कोर 3 डायमेंशन के 4 पैमानों पर कैलकुलेट किया जाता है। ये तीन डायमेंशन हैं- अंडररिशमेंट, चाइल्ड मोर्टालिटी, चाइल्ड अंडरन्यूट्रिशन। चाइल्ड अंडरन्यूट्रिशन में दो कैटेगरी हैं- चाइल्ड वेस्टिंग और चाइल्ड स्टंटिंग।

अंडरनरिशमेंट: अंडरनरिशमेंट यानी एक स्वस्थ व्यक्ति को दिनभर के लिए जरूरी कैलोरी नहीं मिलना। आबादी के कुल हिस्से में से उस हिस्से को कैलकुलेट किया जाता है जिन्हें दिनभर की जरूरत के मुताबिक पर्याप्त कैलोरी नहीं मिल रही है।

चाइल्ड मोर्टालिटी: चाइल्ड मोर्टालिटी का मतलब हर एक हजार जन्म पर ऐसे बच्चों की संख्या जिनकी मौत जन्म के 5 साल की उम्र के भीतर ही हो गई।

चाइल्ड अंडरन्यूट्रिशन में भी दो कैटेगरीः

चाइल्ड वेस्टिंग: चाइल्ड वेस्टिंग यानी बच्चे का अपनी उम्र के हिसाब से बहुत दुबला या कमजोर होना। 5 साल से कम उम्र के ऐसे बच्चे, जिनका वजन उनके कद के हिसाब से कम होता है। ये दर्शाता है कि उन बच्चों को पर्याप्त पोषण नहीं मिला इस वजह से वे कमजोर हो गए।

चाइल्ड स्टंटिंग: चाइल्ड स्टंटिंग का मतलब ऐसे बच्चे जिनका कद उनकी उम्र के लिहाज से कम हो। यानी उम्र के हिसाब से बच्चे की हाइट न बढ़ी हो। हाइट का सीधा-सीधा संबंध पोषण से है। जिस समाज में लंबे समय तक बच्चों में पोषण कम होता है वहां बच्चों में स्टंटिंग की परेशानी होती है।

इन तीनों आयामों को 100 पॉइंट का स्टैंडर्ड स्कोर दिया जाता है। इस स्कोर में अंडरनरिशमेंट, चाइल्ड मोर्टलिटी और चाइल्ड अंडरन्यूट्रिशन तीनों का एक-एक तिहाई हिस्सा होता है। स्कोर स्केल पर 0 सबसे अच्छा स्कोर होता है, वहीं 100 सबसे बुरा।

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