दिल्लीः आज 14 सितंबर यानी हिंदी दिवस है। आज के दिन यानी 14 सितंबर को पूरे देश में हिंदी दिवस के तौर पर मनाया जाता है। भारत में कई भाषाएं बोली जाती हैं। इनमें से कुछ के अपने साहित्य और व्याकरण भी हैं। इनमें से हिंदी देश के सबसे अधिक राज्यों में बोली जाने वाली भाषा है। भाषा के महत्व को प्रदर्शित करने और उजागर करने के लिए स्कूलों, कॉलेजों, कार्यालयों और संगठनों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। हिंदी दिवस को आज ही के दिन क्यों मनाया जाता है? आज की तारीख से आखिर इसके कनेक्शन क्या है? अगर आपके मन में भी ऐसे सवाल हैं, तो आज हम आपके मन में उठ रहे सारे सवालों को जवाब देने की कोशिश करेंगे।
आपको बता दें कि आजादी के बाद संविधान सभा ने 14 सितंबर, 1949 को हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया। इसी दिन के बाद से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत सरकार के गृह मंत्रालय का राजभाषा विभाग आधिकारिक कार्यों में हिंदी के प्रगतिशील प्रयोग को बढ़ाने की दृष्टि से कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन करता है।
क्या है नेहरू का कनेक्शनः राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का मानना था कि हिंदी जनमानस की भाषा है। कई इतिहासकारों का यह भी कहना है कि बापू हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के भी पक्षधर थे। हालांकि, यह उनके जीवित रहते संभव नहीं हो पाया था। भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल लाल नेहरू ने 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी। उनके ही कार्यकाल में 14 सितंबर 1953 को देश में पहली बार हिंदी दिवस मनाया गया था। आपको यह भी बता दें कि 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है।
हिंदी दिवस के मौके पर हर साल दिल्ली में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाता है, लेकिन इस साल हिंदी दिवस का आयोजन पहली बार दिल्ली के बाहर किया जाएगा। इस साल यह कार्यक्रम गुजरात के सूरत में आयोजित किए जाएंगे।
रोचक तथ्य:
- हिंदी को इसका नाम फारसी शब्द हिंद से मिला है, जिसका अर्थ है “सिंधु नदी की भूमि”।
- हिंदी दुनिया की तीसरी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली पहली भाषा मानी जाती है।
- बिहार उर्दू की जगह हिंदी को अपनी आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाने वाला पहला राज्य है।
- भारत के अलावा नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका और अन्य पड़ोसी देशों में भी हिंदी व्यापक रूप से बोली जाती है।