दिल्लीः ईडी (ED) यानी प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने नेशनल हेराल्ड मामले कांग्रेस नेता राहुल गांधी से सोमवार को करीब नौ घंटे तक पूछताछ की। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जांच अधिकारी राहुल के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं और उन्हें कल यानी मंगलवार को भी पूछताछ के लिए बुलाया है। उनसे कुछ पेपर्स भी मांगे गए हैं।

राहुल गांधी और करीब सवा 11 बजे ईडी ऑफिस पहुंचे। इस दौरान वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उनसे मोबाइल फोन वगैरह के बारे में पूछा तो राहुल गांधी ने उनसे कहा, “आप चेक करिए। यह आपकी ड्यूटी है।“ हालांकि, राहुल गांधी ने मोबाइल फोन अपने पास नहीं रखा था। उनके हाथ में ईडी के समन की कॉपी ही थी।

इसके बाद राहुल सुरक्षा कर्मियों के साथ असिस्टेंट डायरेक्टर रैंक के जांच अधिकारी के पास ले जाए गए। रास्ते में राहुल गांधी ने साथ चल रहे सुरक्षा कर्मियों से उनका नाम पूछा। साथ ही ये भी कि आप कितने दिनों से यहां कार्यरत हैं। क्या जांच के लिए आने वाले हर शख्स को इसी तरह जांच अधिकारी के पास तक ले जाते हैं? हालांकि, सुरक्षाकर्मी और ईडी कर्मचारियों ने मुस्कुरा कर रह गए। उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

केरल  के वायनाड से सांसद राहुल गांधी जब जांच अधिकारी के कमरे में पहुंचे, तब वह अधिकारी मौजूद नहीं थे। पूछने पर साथ के कर्मचारियों ने कहा कि आप बैठिए, साहब आ रहे हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी अधिकारी के आने तक खड़े ही रहे। अधिकारी जब पहुंचे तो उन्होंने राहुल गांधी से बैठने को कहा। इसके बाद मास्क लगाए राहुल गांधी ने कहा, “थैंक्स! मुझसे जो पूछना है पूछिए। मैं तैयार हूं।“

इस दौरान राहुल गांधी को पानी दिया गया। उनसे चाय और कॉफी के बारे में पूछा गया, लेकिन उन्होंने हर चीज के लिए मना कर दिया। एक बार भी अपना मास्क नहीं हटाया।

सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी ने जांच अधिकारी से उनका नाम और पद के बारे में भी पूछा। साथ ही कहा, “यहां कांग्रेस नेताओं से ही केवल पूछताछ होती है या किसी और को भी आप लोग बुलाते है?’ हालांकि, अधिकारी ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया।“

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ईडी अधिकारी ने राहुल गांधी से 50 से ज्यादा सवाल तैयार कर रखे थे। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी के जवाबों में से निकल रहे सवालों के चलते ये संख्या बढ़ती गई। राहुल गांधी के पूछे गए सवालों का मुख्य मुद्दा निम्नलिखित सवार पर निर्भर रहे।

  • आपकी यंग इंडिया में क्या भागीदारी थी?
  • आपने यंग इंडिया के शेयर अपने नाम क्यों किए?
  • आपकी यंग इंडिया में कितने प्रतिशत की हिस्सेदारी है।
  • आपके अलावा और कौन-कौन यंग इंडिया में शेयर होल्डर हैं?

सूत्रों ने बताया कि ईडी दफ्तर में राहुल गांधी को किसी भी तरह का VIP ट्रीटमेंट नहीं दिया गया। ईडी अधिकारी ने उनसे उसी तरह पूछताछ की, जैसे वे किसी आम आरोपी से करते। इसे ईडी की तरफ से एक मैसेज भी माना जा रहा है कि ED अधिकारी हर किसी के साथ ऐसा ही व्यवहार करते हैं।

पूछताछ के दौरान राहुल गांधी के जवाब को वहां मौजूद कर्मचारी कंप्यूटर में फीड करते जा रहे थे। जांच पूरी होने के बाद पूरे बयानों की कॉपी राहुल गांधी को दी जाएगी, जिसे वे खुद पढ़ेंगे और साइन करके जमा करेंगे।

जानिए क्या है पूरा मामलाः
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दरअसर साल 1938 में कांग्रेस पार्टी ने एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड (AJL) बनाई थी। इसी के तहत नेशनल हेराल्ड अखबार निकाला जाता था। उस वक्त AJL पर 90 करोड़ से ज्यादा का कर्ज था और इसी को खत्म करने के लिए एक और कंपनी बनाई गई, जिसका नाम था यंग इंडिया लिमिटेड। इसमें राहुल और सोनिया की हिस्सेदारी 38-38 फीसदी थी।

यंग इंडिया को AJL के 9 करोड़ शेयर दिए गए। कहा गया कि इसके एवज में यंग इंडिया AJL की देनदारियां चुकाएगी, लेकिन शेयर की हिस्सेदारी ज्यादा होने की वजह से यंग इंडिया को मालिकाना हक मिला। AJL की देनदारियां चुकाने के लिए कांग्रेस ने 90 करोड़ का लोन दिया, जिसे बाद में माफ कर दिया गया।

सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में सोनिया और राहुल के खिलाफ कोर्ट में केस दर्ज कराया था। इसमें स्वामी ने गांधी परिवार पर 55 करोड़ की गड़बड़ी का आरोप लगाया था। हालांकि, इस केस में ED की एंट्री साल 2015 में हुई।

हेराल्ड मामले से जुड़ी अहम जानकारियां-

  • सुब्रमण्यम स्वामी ने 1 नवंबर 2012 को दिल्ली कोर्ट में केस दर्ज कराया, जिसमें सोनिया-राहुल के अलावा मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे और सैम पित्रोदा आरोपी बनाए गए। ये सभी कांग्रेस से जुड़े हैं।
  • 26 जून 2014 को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने सोनिया-राहुल समेत सभी आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया।
  • ED ने 1 अगस्त 2014 के इस मामले में संज्ञान लिया और मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया।
  • 19 दिसंबर 2015 को इस केस में सोनिया, राहुल समेत सभी आरोपियों को दिल्ली पटियाला कोर्ट ने जमानत दे दी।
  • 9 सितंबर 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में सोनिया और राहुल को करारा झटका दिया था। कोर्ट ने आयकर विभाग के नोटिस के खिलाफ याचिका खारिज कर दी थी।
  • कांग्रेस ने इसे सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी, लेकिन 4 दिसंबर 2018 को कोर्ट ने कहा कि आयकर की जांच जारी रहेगी। हालांकि, अगली सुनवाई तक कोई आदेश पारित नहीं होगा।
  • मई 2019 में इस केस से जुड़ी 64 करोड़ की संपत्ति को ED ने जब्त किया।

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