लखनऊः उत्तर प्रदेश में गुरुवार को विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान हुआ। हिंसा की छिटपुट घटनाओं को छोड़कर पश्चिम उत्तर प्रदेश के 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान शांतिपूर्ण समपन्न हुआ। चुनाव आयोग के इन सीटों पर कुल 61.16 प्रतिशत वोटिंग हुई। सबसे ज्यादा 69.42प्रतिशत शामली और सबसे कम 53.96 फीसदी गाजियाबाद जिले में वोटिंग हुई। बात यदि विधानसभा क्षेत्र में हुई वोटिंग की करें, तो सबसे ज्यादा वोटिंग पलायन मुद्दे से चर्चा में आई शामली की कैराना सीट पर हुई। यहां 75.12 पर वोटिंग हुई। वहीं, गाजियाबाद की साहिबाबाद विधानसभा सीट पर सबसे कम 45फीसदी मतदान हुआ।

जिलावार वोटिंग

जिला वोटिंग प्रतिशत
आगरा 60.23
अलीगढ़ 61.37
बागपत 63.50
बुलंदशहर 63.83
गौतमबुद्धनगर 57.04
गाजियाबाद 53.96
हापुड़ 60.53
मथुरा 62.90
मेरठ 61.24
मुजफ्फरनगर 65.91
शामली 69.42

इन 11 जिलों में 643 प्रत्याशियों की किस्मत गुरुवार को ईवीएम में बंद हो गई। बागपत, छपरौली और आगरा की एत्मादपुर की सीट पर वोट डालते हुए कई वोटर्स ने अपने वीडियो शेयर किए। इससे चुनाव की गोपनीयता और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हुए हैं। इसके अलावा, कई जगह लोगों ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए वोटिंग का बहिष्कार किया। करीब 50 से ज्यादा केंद्रों पर ईवीएम खराब होने से वोटिंग में दिक्कत आई।

शुरुआत में वोटिंग धीमी थी, लेकिन चढ़ने के साथ ही वोटिंग में तेजी आई। सुबह 9 बजे तक 11 सीटों पर महज 8.01 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इसके बाद 11 बजे वोटिंग प्रतिशत 20.03 पर पहुंच गया। दोपहर एक बजे वोटिंग प्रतिशत बढ़कर 35.03 फीसदी, 3 बजे 48.24 प्रतिशत और 5 बजे 57.79 फीसदी पर पहुंच गया। वहीं, अंतिम आंकड़े आने तक वोटिंग प्रतिशत बढ़कर 60 फीसदी क्रास कर गया।

मेरठ के सरधना के गांव सालावा में दलितों को मतदान करने से रोका गया। बताया जा रहा है कि जब दलितों ने विरोध किया तो भाजपा प्रत्याशी संगीत सोम के समर्थकों ने मारपीट की। इस मामले में जब अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। उधर, आगरा की बाह विधानसभा के चौरंगा हार गांव में वोटर लिस्ट से 200 वोटर्स के नाम नहीं थे। इससे नाराज ग्रामीणों ने पोलिंग बूथ पर जमकर हंगामा किया। वहीं, पिनाहट ब्लॉक के विप्रावली गांव में दिव्यांगों और बुजुर्गों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जब वो मतदान केंद्र गए तो कहा कि भाजपा के पक्ष में वोट दो। इससे आक्रोशित लोगों ने बूथ पर हंगामा किया।

राष्ट्रीय लोक दल के मुखिया जयंत चौधरी वोट नहीं डाल पाए। वह खुद भी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता परिवर्तन के लिए मेरा वोट इतना महत्वपूर्ण नहीं है, जितना पार्टी के लिए प्रचार जरूरी है। गांव-गांव तक प्रचार जाएगा, तभी सत्ता परिवर्तन होगा। जयंत मथुरा शहर सीट से वोटर हैं। समाज वादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा,’ न्यू यूपी का नया नारा…विकास ही विचारधारा बने’

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