लखनभः उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले बीजेपी ने समाजवादी पार्टी को जोर का झटका दिया है। दरअसल मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव बुधवार को बीजेपी में शामिल हो गईं। नई दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने पार्टी की सदस्यता दिलाई। प्राप्त रिपोर्ट्स के मुताबिक अपर्णा लखनऊ कैंट से टिकट नहीं मिलने से अखिलेश से नाराज थीं। अपर्णा मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं।

अपर्णा ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश  के मुख्यमंत्री योगी के प्रति आभार व्यक्त किया।  उन्होंने कहा कि मैं राष्ट्र की आराधना करने निकली हूं। मुझे आपका सहयोग बहुत जरूरी है। स्वच्छ भारत मिशन, महिलाओं के स्वावलंबन ओर पार्टी की अन्य योजनाओं से बहुत प्रभावित रही हूं। जो भी कर सकूंगी, पूरी क्षमता से करूंगी।

वहीं स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि अपर्णा के भाजपा में आने से पार्टी का कद बढ़ेगा। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मोदी जी के नेतृत्व में देश-प्रदेश का विकास हो रहा है। अखिलेश यादव सांसद और मुख्यमंत्री के तौर पर असफल रहे। बार-बार कहते थे कि हर योजना हमने शुरू की है।

आपको बता दें कि पिछले कई दिनों से इस तरह की खबरें आ रही थी कि अपर्णा यादव बीजेपी में शामिल हो सकती हैं। कहा जा रहा था कि अखिलेश यादव के परिवार में सब-कुछ ठीक है। शिवपाल ने भी अपर्णा को परिवार की पार्टी में रहने की सलाह दी थी। साथ ही अखिलेश ने भी कहा था कि परिवार में सब ठीक है। फिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि अपर्णा बीजेपी में शामिल हो गईं।

बताया जा रहा है कि अपर्णा यादव के बीजेपी  शामिल होने के पीछे अखिलेश यादव का वो फैसला है, जिसने परिवार में भूचाल ला दिया है। सूत्रों का दावा है कि अखिलेश यादव ने फैसला किया है कि इस बार किसी भी कीमत पर परिवार के किसी भी सदस्य को टिकट नही देंगे। अखिलेश के इस फैसले के बाद ही अपर्णा ने बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया।

सूत्रों के मुताबिक इस बार अपर्णा हर कीमत पर विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहती हैं। इसको लेकर अपर्णा लगातार मुलायम सिंह यादव पर दबाव डाल रही थींं। सूत्रों का तो यह भी दावा है कि मुलायम सिंह यादव ने अपर्णा के टिकट के लिए अखिलेश से भी बात की थी, लेकिन कोई नतीजा नही निकला।

सूत्रों का कहना है कि अपर्णा की बीजेपी में शामिल होने की जब बात शुरु हुई तो फिर परिवार में कलह मच गई और अपर्णा ने अपना फैसला टाल दिया। कहा गया कि अब अपर्णा परिवार और पार्टी में ही रहेंगी, लेकिन आखिरकार आज अपर्णा बीजेपी में शामिल हो गईं।

उधर, बीजेपी से जुड़े सूत्रों का कहनुा है कि  अपर्णा से पार्टी में शामिल होने के लिए बातचीत लगातार चल रही थी। इसे बेहद गोपनीय रखा गया। अपर्णा लगातार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संपर्क में थीं। उधर, मंगलवार की शाम करीब 3 बजे शिवपाल यादव अखिलेश से मिलने समाजवादी पार्टी के दफ्तर पहुंचे। उस दौरान उनकी कार में अपर्णा के छोटे भाई अमन विष्ट भी मौजूद थे। शिवपाल यादव ने परिवार के सदस्यों के टिकट को लेकर भी बात की। खबर है कि उस दौरान अखिलेश ने परिवार के किसी भी सदस्य को भी टिकट देने से साफ इनकार कर दिया। इसके बाद अपर्णा ने सिग्नल ग्रीन कर दिया।

अपर्णा यादव बीजेपी से कैंट सीट की दावेदारी भी कर रही हैं। अपर्णा यादव ने 2017 का विधानसभा चुनाव लखनऊ कैंट सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर लड़ा था। उन्हें बीजेपी की रीता बहुगुणा जोशी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। उनके लिए अखिलेश यादव ने प्रचार भी किया था। जोशी के सांसद चुने जाने के बाद हुए उप चुनाव में भी बीजेपी  ने यह सीट जीत ली थी। पार्टी में शामिल होने के बाद अपर्णा को कैंट सीट मिल सकती है।

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