दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) के मंच से दुनिया को भारत की उपलब्धियों की झलक दिखाई और कहा कि भारत ने कोरोना के संकटकाल में दुनिया को लोकतंत्र के प्रति अटूट विश्वास, नयी प्रौद्योगिकी और प्रतिभा के रूप में ‘आशा का उपहार’ दिया है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दावोस एजेंडा शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, भारतीय युवाओं में आज एंटरप्रेन्योरशिप एक नई ऊंचाई पर है। इसका नजारा यहां स्टार्ट-अप्स की संख्या से लगाया जा सकता है।

रधानमंत्री ने कहा , “भारत जैसी मजबूत डेमोक्रेसी ने पूरे विश्व को एक खूबसूरत उपहार दिया है, आशा का बुके (पुष्प  गुच्छ) दिया है। इस बुके में में है, हम भारतीयों का डेमोक्रेसी पर अटूट विश्वासइस बुके में है। 21वीं सदी सशक्त बनाने वाली  वाली प्रौद्योगकी , इस बुके में है, हम भारतीयों की सोच , हम भारतीयों की प्रतिभा।”

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया को लाइफस्टाइल के कारण क्लाइमेट के लिए पैदा हो रही रही चुनौतियों के प्रति आगाब किया और कहा, ‘थ्रो अवे’ कल्चर और उपभोक्तावाद ने क्लाइमेट के लिए ज्यादा सीरियस चैलेंज खड़े कर दिए हैं। उन्होंने दुनिया से मिशन ‘लाइफ  की अपील की। उन्होंने कहा, यह बेहद अहम है कि मिशन ‘लाइफ ‘ एक ग्लोबल मूवमेंट बने। तभी हम आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित रख पाएंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा, “ कोरोना काल में पूरी दुनिया ने देखा है कि कैसे भारत ने ‘वन अर्थ, वन हेल्थ’ विजन पर चलते हुए सभी की मदद की। अनेक देशों को जरूरी दवाइयां, वैक्सीन देकर करोड़ों जीवन बचाए हैं।“ उन्होंने कहा कि भारत जैसी मजबूत डेमोक्रेसी ने पूरे विश्व को एक खूबसूरत उपहार दिया है, इसमें आशाओं पोटली है। इस पोटली में हम भारतीयों का डेमोक्रेसी पर अटूट विश्वास है। इसमें भारतीयों का मिजाज और टैलेंट छिपा है।

पीएम मोदी ने दुनिया को भारत की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि आज भारत, दुनिया में रिकॉर्ड साफ्टवेयर इंजीनियर भेज रहा है। 50 लाख से ज्यादा साफ्टवेयर डेवलपर भारत में काम कर रहे हैं। आज भारत में दुनिया में तीसरे नंबर के सबसे ज्यादा यूनीकार्न हैं। इमें 10 हजार से ज्यादा स्टार्ट-अप्स पिछले 6 महीने में रजिस्टर हुए हैं।

डिजिटल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में देश की प्रगति का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि आज भारत के पास विश्व का बड़ा, सुरक्षित और सफल डिजिटल प्लेटफार्म है। सिर्फ पिछले महीने की ही बात करूं तो भारत में यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के माध्यम से 4.4 अरब लेन-देनहुए हैं।आज भारत कारोबार में सुगमत  को बढ़ावा दे रहा है, सरकार के दखल को कम से कम कर रहा है।

दुनिया को भारत की उपलब्धियां गिनाईं

मोदी ने वैश्विक समुदाय को भारत में बिजनेस के लिए बन रहे वातावरण की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि  आज भारत ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा दे रहा है, सरकार के दखल को कम से कम कर रहा है। भारत ने अपने कॉर्पोरेट टैक्स को भी आसान बनाया है और  दुनिया में मोस्ट कंपीटेटिव बनाया है। भारतीयों में इनोवेशन की, नई टेक्नोलॉजी को अडॉप्ट करने की जो क्षमता है, एंटरप्रेन्योरशिप की जो स्पिरिट है, वो हमारे हर ग्लोबल पार्टनर को नई ऊर्जा दे सकती है। इसलिए भारत में इन्वेस्टमेंट का ये सबसे बेहतर समय है। 2014 में जहां भारत में कुछ सौ रजिस्टर्ड स्टार्ट-अप्स थे। वहीं आज इनकी संख्या 60 हजार के पार हो चुकी है। इसमें भी 80 से ज्यादा यूनिकॉर्न्स हैं, जिसमें से 40 से ज्यादा तो 2021 में ही बने हैं।

ग्लोबल ऑर्गनाइजेशंस में सुधार के मुद्दे पर मोदी ने कहा, “ आज ग्लोबल सिचुएशन को देखते हुए, सवाल है कि क्या बहुपक्षीय संगठन, नए वर्ल्ड ऑर्डर और नई चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं? जब ये संस्थाएं बनी थीं, तो स्थितियां कुछ और थीं। आज परिस्थितियां कुछ और हैं। इसलिए हर लोकतांत्रिक देश का ये दायित्व है कि इन संस्थाओं में सुधार पर बल दे ताकि इन्हें वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाया जा सके।:

आपको बता दें कि पीएम मोदी के अलावा इस शिखर सम्मेलन में दुनिया के कई राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए। इनमें जापान के प्रधानमंत्री किशिदा फुमियो, ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो, इजराइल के नफ्ताली बेनेट व चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के अलावा संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटारेस, अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट एल येलेन समेत अनेक वैश्विक नेता शामिल हुए।

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