दिल्लीः देश के पहले सीडीएस (CDS) यानी चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत अब हमारे बीच नहीं रहे। भारतीय वायुसेना ने सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य लोगों की हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत की पुष्टि कर दी  है। सेना का Mi-17V5 हेलिकॉप्टर तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को दोपहर 12:20 बजे क्रैश हो गया। घने जंगलों में हुए इस हादसे के बाद हेलिकॉप्टर में आग लग गई। दुर्घटनाग्रस्त हेलिकॉप्टर में जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका सहित 14 लोग सवार थे।

आग में झुलसने की वजह से शवों की पहचान नहीं हो पाई है। स्थानीय कलेक्टर के मुताबिक हादसे में बचने वाला एकमात्र शख्स पुरुष है। न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि शवों की पहचान के लिए DNA टेस्ट किया जाएगा।

जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ थे। उन्होंने 1 जनवरी 2020 को यह पद संभाला। रावत 31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक सेना प्रमुख के पद पर रहे थे।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस हादसे की वजह घने जंगल और कम विजिबिलिटी रहे। खराब मौसम के दौरान बादलों में विजिबिलिटी कम होने की वजह से हेलिकॉप्टर को कम ऊंचाई पर उड़ान भरनी पड़ी। लैंडिंग पॉइंट से दूरी कम होने की वजह से भी हेलिकॉप्टर काफी नीचे उड़ान भर रहा था। नीचे घने जंगल थे इसलिए क्रैश लैंडिंग भी फेल हो गई। इस हेलिकॉप्टर के पायलट ग्रुप कमांडर और सीओ रैंक के अधिकारी थे, ऐसे में मानवीय भूल की आशंका न के बराबर है।

एक चश्मदीद ने बताया कि उसे पहले बहुत तेज आवाज सुनाई दी। हेलिकॉप्टर से पेड़ों पर गिरा। इसके बाद उसमें आग लग गई, वो आग का गोला बन गया था। वहीं दूसरे चश्मदीद का कहना है कि उसने जलते हुए लोगों को गिरते देखा।

जनरल बिपिन रावत एक बार पहले भी हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हो चुके हैं। 3 फरवरी 2015 को उनका चीता हेलिकॉप्टर नगालैंड के दीमापुर में क्रैश हुआ था। तब बिपिन रावत लेफ्टिनेंट जनरल थे।

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