दिल्लीः 71वां संविधान दिवस के मौके पर संसद भवन के सेंट्रल हॉल आयोजित कार्यक्रम के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को परिवारदा के मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों को लताड़ा। मोदी ने अपने 22 मिनट के भाषण के दौरान बिना नाम लिए राहुल गांधी, अखिलेश यादव और तेजस्वी यादव सबकी बात कर डाली। इस दौराना उन्होंने यूपी के अखिलेश से लेकर दिल्ली का सोनिया परिवार था। कश्मीर के अब्दुल्ला-मुफ्ती फैमिली से लेकर बिहार का लालू परिवार भी दायरे में आया।

आपको बता दें कि बीजेपी नेता राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और अखिलेश यादव पर परिवारवाद का आरोप लगाती रहे हैं। जवाब में विपक्षी दल के नेता भी बीजेपी पर परिवारवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं। इस बीच पीएम मोदी ने  आज संविधान दिवस के मौके पर ने दोनों के बीच का मतलब समझाया। उन्होंने कहा कि पारिवारिक पार्टियां देश के लिए चिंता की बात है। ऐसी व्यवस्था को खत्म करने की जरूरत है। लोगों में इसके प्रति जागरूकता फैलाने की जरूरत है।

मोदी ने कहा कि भारत एक ऐसे संकट की तरफ बढ़ रहा है, जो संविधान को समर्पित लोगों के लिए चिंता का विषय है। लोकतंत्र के प्रति आस्था रखने वालों के लिए चिंता का विषय है और वह है पारिवारिक पार्टियां। इससे संविधान की भावना को चोट पहुंची है। जो पार्टी पीढ़ी दर पीढ़ी एक परिवार चलाता रहे। पार्टी की सारी व्यवस्था परिवारों के पास रहे, वह लोकतंत्र के स्वस्थ लोकतंत्र के लिए संकट होता है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “जब मैं कहता हूं पारिवारिक पार्टियां। इसका मतलब मैं यह नहीं कहता हूं कि एक परिवार से एक से ज्यादा लोग राजनीति में न आएं.. योग्यता के आधार पर.. जनता के आशीर्वाद से.. किसी परिवार से एक से अधिक लोग राजनीति में जाएं.. इससे पार्टी परिवारवादी नहीं बन जाती है।”  उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल पार्टी फॉर द फैमिली, पार्टी बाय द फैमिली.. और आगे कहने की जरूरत मुझे नहीं लगती है। उन्होंने जापान का जिक्र करते हुए कहा कि वहां भी पहले कुछ परिवारों का शासन था। बाद में किसी ने इसके खिलाफ बिगुल फूंका, आम लोगों को तैयार किया तो चीजें बदल गईं।

मोदी ने इससे संविधान की भावना को चोट पहुंची है। संविधान की एक-एक धारा को भी चोट पहुंची है, जब राजनीतिक दल अपने आप में अपना लोकतांत्रिक कैरक्टर खो देते हैं। जो दल स्वयं में लोकतांत्रिक कैरक्टर खो चुके हों, वह लोकतंत्र की रक्षा कैसे कर सकते हैं। आज देश में कश्मीर से कन्याकुमारी.. हिंदुस्तान के हर कोने में जाइए, भारत ऐसे संकट की तरफ बढ़ रहा है, जो संविधान को समर्पित लोगों के लिए चिंता का विषय है। लोकतंत्र के प्रति आस्था रखने वालों के लिए चिंता का विषय है।

आपको बता दें कि बीजेपी पर भी परिवारवाद का आरोप लगता रहता है। कांग्रेस से बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, पंकज सिंह जैसे कई अन्य नेताओं को लेकर बीजेपी पर भी परिवारवाद को बढ़ाने का आरोप लगता रहा है।कई राज्यों में बड़े नेताओं के बच्चे या रिश्तेदार भी बीजेपी में हैं।

 

 

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