लखीमपुर खीरीः उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में घटित घटना को लेकर राज्य सरकार और किसानों के बीच समझौता हो गया है। सरकार ने मृतकों के परिवार को 45-45 लाख रुपए का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का वादा किया है। साथ ही घटना की न्यायिक जांच और आरोपियों को आठ दिन के अंदर गिरफ्तार किया जाएगा। इस घटना की जांच उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त जज करेंगे। वहीं हिंसा में घायल हुए लोगों को सरकार 10-10 लाख रुपए मुआवजे के तौर पर देगी।
आपको बता दें कि लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या 9 हो गई है। इसका असर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी नजर आ रहा है। यहां लखीमपुर जाने से रोकने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। अखिलेश ने कहा कि किसानों पर अंग्रेजों के शासन से भी ज्यादा जुल्म भाजपा सरकार कर रही है। उन्होंने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के इस्तीफे और किसानों को 2-2 करोड़ का आर्थिक सहायता देने की भी मांग की। इसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
उधर, मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, बीएम महासचिव सतीश मिश्र, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत तमाम नेताओं के घर के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई। हालांकि इन सबको धत्ता बताते हुए प्रियंका गांघी देर रात में ही अपने आवास से निकल गई और आज तड़के सीतापुर में पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
वहीं राज्य के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने भारतीय एयरपोर्ट अथॉरिटी को पत्र लिखकर लखनऊ में चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और पंजाब के उप मुख्यमंत्री का विमान लैंड ना कराने के निर्देश दिए है। अवस्थी ने लिखा है कि लखीमपुर खीरी में धारा 144 लागू होने कारण वहां जाने से कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो सकती है।
लखनऊ में विपक्ष के नेताओं को रोकने के लिए जगह-जगह गाड़ियां रोड पर खड़ी करके सड़क ब्लॉक की गई है। इसके अलावा एक ट्रक मंगाकर उसे बीच सड़क पर खड़ा करके रोड बंद कर दिया गया है। स्थिति यह है कि यहां कोई वाहन तो क्या कोई पैदल भी नहीं जा-आ सकता है।