संवाददाताः कपिल भारद्वाज
चंडगढ़ः पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया है। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अमरिंदर ने शनिवार को सिद्धू पर गंभीर आरोप लगाया और कहा कि सिद्धू की पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और आर्मी चीफ जनरल बाजवा से दोस्ती है। ऐसे यदि कांग्रेस पार्टी उन्हें पंजाब के मुख्यमंत्री का चेहरा बनाती है तो मैं इसका विरोध करूंगा, क्योंकि ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है।
अमरिंदर ने कहा, “मैं जानता हूं पाकिस्तान के साथ नवजोत सिंह सिद्धू का कैसा संबंध है। पाकिस्तान का प्रधानमंत्री इसका दोस्त है, जनरल बाजवा के साथ इसकी दोस्ती है। सिद्धू तो बाजवे का साथ है, इमरान खान के साथ है। रोज हमारे कश्मीर में जवान मारे जा रहे हैं। आपको लगता है मैं सिद्धू के नाम को स्वीकार करूंगा।“
उन्होंने कहा कि वह मेरा मंत्री था और उसे निकालना पड़ा। उसने सात महीने तक अपनी फाइलें क्लियर नहीं की। क्या इस तरह का व्यक्ति जो एक विभाग नहीं संभाल सकता वह एक राज्य संभाल सकता है? सिद्धू कुछ नहीं संभाल सकता, मैं उसे अच्छी तरह जानता हूं। वह पंजाब के लिए भयानक होने वाला है।
पूर्व मुख्यमंत्री पार्टी आलाकमान पर हमला बोलते हुए कहा कि बार-बार विधायकों की बैठक बुलाकर साफ हुआ कि कांग्रेस आलाकमान को मुझ पर भरोसा नहीं है। मेरा अपमान हुआ है। इसलिए इस्तीफा देने के बारे में मैंने सुबह ही फैसला कर लिया था। मैंने सोनिया गांधी से बात की और अपना इस्तीफा दे दिया। मैं दिल्ली कम जाता हूं और दूसरे बहुत जाते हैं, इसलिए वह वहां जाकर क्या कहते हैं, मुझे नहीं पता।
उन्होंने कहा कि मैंने पंजाब तथा पंजाबियों के लिए मजबूती से काम किया है। मैं इस बात की परवाह नहीं करता कि कौन मुख्यमंत्री बनता है और कौन क्या बनता है। उन्होंने कहा कि मैंने अभी इस्तीफा दिया और राजनीति में किसी तरह की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर कहा कि राजनीति में कभी कोई रास्ता बंद नहीं होता। मैं पीछे हटने वाला नहीं हूं।
अमरिंदर ने कहा कि मैंने पहले ही कांग्रेस प्रधान सोनिया गांधी को कह दिया था कि मुझे मुख्यमंत्री पद से मुक्त कर दें। सिद्धू लेफ्ट चलें और मैं राइट, ऐसे में मैं काम नहीं कर सकता था। हरीश रावत भी वहां मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले कुछ महीनों में यह तीसरी बार हो रहा है कि विधायकों की बैठक बुलाई गई हो। दो बार विधायकों को दिल्ली बुलाया गया और उसके बाद अब विधायक दल की बैठक बुला ली गई। मैंने कांग्रेस आलाकमान को कहा कि मेरे ऊपर कोई शक है कि मैं सरकार नहीं चला सकता, तो बताएं। उन्होंने कहा, “मैंने कभी विधायकों के समर्थन की बात नहीं की। मैंने इस्तीफा दे दिया। जब मैंने सोनिया गांधी को कह दिया कि मैं इस्तीफा दे रहा हूं, तो फिर विधायक दल की बैठक बुलाने की क्या जरूरत थी।“
खुद को किसानों का हितैषी बताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने कहा कि मैं पहले दिन से ही किसानों के साथ हूं। आंदोलन में मरे किसानों के परिवार को पांच लाख रुपए और एक सदस्य को नौकरी देने का मेरा ही प्रोग्राम था।
उन्होंने कहा कि भविष्य की राजनीति को लेकर मेरे पास कई ऑप्शन हैं। मुझे राजनीति में 52 साल हो गए। साढ़े 9 साल मैं मुख्यमंत्री रहा। हालांकि उन्होंने बीजेपी में शामिल होने को लेकर स्पष्ट जवाब नहीं दिया, लेकिन इससे कोई इनकार भी नहीं किया। उन्होंने कहा कि उनके साथ कई लोग जुड़े हुए हैं। मैं उनसे बात करूंगा और फिर आगे के बारे में सोचूंगा।