दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आकाशवाणी तथा दूरदर्शन पर प्रसारित मन की बात कार्यक्रम के दौरान स्वच्छता और संस्कृत भाषा के प्रसार पर जोर दिया और कहा कि नई पीढ़ी को विरासत सौंपना हमारा कर्तव्य है और भावी पीढ़ियों का ये हक भी है।
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में स्वच्छता के अभियान को कम नहीं होने देना है। स्वच्छ भारत अभियान में इंदौर का नाम आता है। उसने विशेष पहचान बनाई है। इंदौर कई सालों से स्वच्छ भारत रैंकिंग में पहले नंबर पर है। इंदौर के लोग इससे संतुष्ट नहीं हैं, कुछ नया करना चाहते हैं और इसी तहत उन्होंने अपनी नालियों को सीवर लाइन से जोड़ा है। इससे नदियों में गिरने वाला गंदा पानी कम हुआ है। जितने ज्यादा शहर वाटर प्लस होंगे, उतना ही नदियां स्वच्छ होंगी, पानी होगा और पानी बचाने का संस्कार होगा।
उन्होंने संस्कृत भाषा के प्रसार-प्रचार पर जोर देते हुए कहा कि आयरलैंड के एडवर्ड संस्कृत के शिक्षक हैं और बच्चों को संस्कृत पढ़ाते हैं, डॉक्टर चिरापद और डॉक्टर सुषमा थाईलैंड में संस्कृत भाषा का प्रचार कर रहे हैं। रशिया में श्रीमान बोरिस मॉस्को में संस्कृत पढ़ाते हैं और कई किताबों का अनुवाद किया है। सिडनी संस्कृत स्कूल में बच्चों को संस्कृत पढ़ाई जाती है। इन प्रयासों से संस्कृत को लेकर जागरूकता आई है। नई पीढ़ी को विरासत सौंपना हमारा कर्तव्य है और भावी पीढ़ियों का ये हक भी है।