दिल्लीः अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी संयुक्त अरब अमीरात में हैं। गनी अफगानिस्ता छोड़ने के बाद पहली बार दुनिया के सामने आए और अफगानिस्तान छोड़कर भागने की वजह बताई। उन्होंने कहा कि यदि वह अफगानिस्तान में रूक जाते, तो हिंसा होने का डर था। इस दौरान उन्होंने कैश लेकर भागने के आरोपों को बेबुनियाद करार दिया।

उधर, अफगानिस्तान की जनता गनी से बेहद नाराज है क्योंकि वह कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन के डर के बीच छोड़कर चले गए हैं। उधर, यूएई (UAE) का कहना है कि उसने मानवीय आधार पर गनी और उनके परिवार को देश में पनाह दी है। इस सिलिसेल में सरकारी WAM न्यूज एजेंसी ने यूएई के विदेश मंत्री का बयान जारी किया है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि गनी यूएई में कहां हैं।

गनी ने अफगानिस्ता के लोगों से पूरा सच जानने की अपील की है और कहा कि काबुल के अंदर तालिबान के आते ही उनकी जान पर खतरा होने की आशंका जताई गई थी। तालिबानी लड़ाके उन्हें ढूंढ रहे थे। उनका कहना है कि वह अफगानिस्तान वापस लौटेंगे और अफगानिस्तान के लोगों को इंसाफ दिलाएंगे। उन्होंने कहा कि इस बारे में चर्चा कर रहे थे।

आपको बता दें कि अशरफ गनी का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने खुद को राष्ट्रपति घोषित कर दिया है। गनी ने ट्वीट कर कहा कि मैं कभी भी और किसी भी परिस्थिति में तालिबान के आतंकवादियों के सामने नहीं झुकूंगा। मैं अपने नायक अहमद शाह मसूद, कमांडर, लीजेंड और गाइड की आत्मा और विरासत के साथ कभी विश्वासघात नहीं करूंगा। मैं उन लाखों लोगों को निराश नहीं करूंगा जिन्होंने मेरी बात सुनी। मैं तालिबान के साथ कभी भी एक छत के नीचे नहीं रहूंगा।

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