काबुलः अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन हो गया है। तालिबान विद्रोहियों ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल को भी कब्जे में ले लिया। राष्ट्रपति अशरफ गनी और उपराष्ट्रपति अमीरुल्लाह सालेह का अपने कुछ करीबियों के साथ देश छोड़ना, राष्ट्रपति भवन (अर्ग) पर पर तालिबान का कब्जा होना और तालिबान नेता मुल्ला बरादर का बयान, जिसमें उसने कहा कि सभी लोगों के जान-माल की रक्षा की जाएगी, जैसे तीन बड़े डेवलप्मेंट रविवार को अफगानिस्तान में हुए।

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के कुछ वीडियोज भी देर रात सामने आए। इनमें तालिबान काबुल की सड़कों पर घूमते नजर आ रहे हैं। वहीं तालिबान नेता मुल्ला बरादर ने बयान जारी कर कहा है कि हमने सोचा नहीं था कि इतनी आसान और इतनी जल्दी हमें जीत मिलेगी। अगले कुछ दिनों में सभी चीजें सामान्य हो जाएंगी।

आपको बता दें कि तालिबान के नेता राष्ट्रपति भवन में बैठकर चैनलों को इंटरव्यू दे रहे थे। उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रपति गनी 50 लाख डॉलर कैश ले जाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन ये पैसा राष्ट्रपति महल के हेलीपैड पर ही रह गया।

इस बीच,अफगानिस्तान में शांति बहाली के लिए एक समन्वय परिषद बनाई गई है, जिसका नेतृत्व अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई करेंगे। इस परिषद में अफगानिस्तान के मौजूदा सीईओ अब्दुल्ला अब्दुल्ला और जिहादी नेता गुलबुद्दीन हिकमतयार को भी शामिल किया गया है।

उधर, तालिबान ने मुल्ला शीरीन को काबुल का गवर्नर बनाया है। आपको बता दें कि मुल्ला शीरीन तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के करीबी थे और उनके सुरक्षा गार्ड भी रह चुके हैं। मुल्ला शीरीन कंधार निवासी है और पुराने तालिबानी हैं। वह सोवियत संघ के खिलाफ भी लड़ चुके हैं। मुल्ला शीरीन को युद्ध विशेषज्ञ माना जाता है। तालिबान की लड़ाका यूनिटों के सबसे प्रमुख लोगों में से हैं।

इस बीच अमेरिका ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तेजी से बदले हालात को लेकर सिक्योरिटी अलर्ट जारी किया। अमेरिका ने कहा है कि काबुल में एयरपोर्ट समेत सुरक्षा हालात तेजी से बदल रहे हैं। एयरपोर्ट पर आग लगी हुई है। काबुल स्थित अमेरिकी दूतावास अब खाली हो चुका है और अमेरिकी राजदूत भी अफगानिस्तान छोड़कर जा चुके हैं।

तालिबान ने एक बयान जारी कर विदेशी नागरिकों और दूतावासों को सुरक्षा का आश्वासन दिया है। तालिबान ने कहा है कि हम सभी दूतावासों, राजनयिक केंद्रों और विदेशी संस्थानों और नागरिकों को भरोसा देते हैं कि उन्हें कोई खतरा नहीं है। काबुल के सभी लोगों के ये भरोसा रखना चाहिए कि इस्लामी अमीरात के बलों को सभी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। काबुल और सभी दूसरे शहरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।

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