मुंबईः मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी का पति राज कुंद्रा ही पोर्न फिल्म बनाने वाले रॉकेट का सरगना बताया है। अब पुलिस इस मामले में शिल्पा शेट्टी की भूमिका तथा इस रैकेट में कौन-कौन से लोग शामिल हैं इस पात की जांच कर रही है। आपको बता दें कि पुलिस ने 19 जुलाई की रात राज कुंद्र को अश्लील फिल्म बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसके अगले दिन यानी 19 जुलाई को उसे कोर्ट में पेश किया था, जहां से राज कुंद्रा को 23 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
हालांकि पुलिस को अभी तक इस मामले में शिल्पा के शामिल होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच के जॉइंट कमिश्नर मिलिंद भांब्रे ने बताया कि हमें अभी तक शिल्पा शेट्टी का इस केस में कोई ऐक्टिव रोल नजर नहीं आया है। हम जांच कर रहे हैं। हम इस केस के पीड़ितों से अपील करते हैं कि वे सामने आएं और क्राइम ब्रांच से संपर्कर करें। हम उनकी शिकायत पर ऐक्शन लेंगे।
वहीं मुंबई पुलिस कमिश्नर हेमंत नागराले ने बताया कि फरवरी 2021 में एक केस पॉर्न फिल्में बनाने को लेकर दर्ज किया गया था। जांच करने पर इसमें राज कुंद्रा के शामिल होने की जानकारी मिली, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया है। पुलिस राज कुंद्रा को ही इस केस में मुख्य अभियुक्त मान रही है।
राज कुंद्रा की गिरफ्तारी के बाद सामने आया कि यह फिल्म निर्माण के लिए बने एक प्रोडक्शन हाउस की आड़ में एक बड़ा पोर्न फिल्म रैकेट चलाता था। ये लोग अपने फिल्मों के लिए ज्यादातर 20 से 25 साल के संघर्षरत एक्ट्रेस और एक्टर टारगेट करते थे शूटिंग से पहले ये कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाते थे, इसमें अपनी मर्जी से फिल्म छोड़ने पर केस करने का क्लॉज था। पुलिस के मुताबिक ये लोग एक कलाकार को एक दिन का ये 30 से 50 हजार रुपए देते पुलिस के मुताबिक राज कुंद्रा के खिलाफ 4 फरवरी 2021 को ही मामला दर्ज किया था, लेकिन एक बयान के अलावा पुलिस के पास कुंद्रा के खिलाफ कुछ भी नहीं होने की वजह से उस समय राज कुंद्रा की गिरफ्तारी नहीं हुई थी।
पुलिस ने तीन दिन पहले मलाड पश्चिम के मड गांव में एक किराए के बंगले में छापा मारा गया और वहां से पुख्ता सबूत मिलने के बाद ही उन्हें गिरफ्तार किया गया। राज कुंद्रा पर अश्लील फिल्में बनाने और उन्हें कुछ ऐप के जरिए प्रसारित और शेयर करने का आरोप था। इस सिलसिले में क्राइम ब्रांच टीम ने CR- 103/2021 दर्ज किया था, जिसमें आईपीसी (IPC) यानी भारतीय दंड संहिता की धारा 292(अश्लील साहित्य का प्रसारण), 293(20 साल से कम उम्र के लोगों तक अश्लील साहित्य पहुंचाना), 34(सामान्य इरादे से किया आपराधिक कृत्य) और आईटी एक्ट की धारा 67(आपत्तिजनक सूचनाओं का प्रकाशन), 67ए(इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से सेक्स या अश्लील सूचनाओं को प्रकाशित करना) और IPC की धारा 420(छल करना या बेईमानी करना) शामिल थी।