दिल्लीः सरकार मंडियों के जरिए किसानों तक एक लाख करोड़ रुपये पहुंचाएगी। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद पहली बार गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षा में हुई इस बैठक में कोरोना संक्रमण, इकोनॉमी, महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर कई अहम फैसले लिए गए। कैबिनेट की बैठक वर्जुअल तरीके से आयोजित की गई थी।

केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिए गए जिन फैसलों की जानकारी मीडिया को पहले रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर देते थे, अब उन्हें बताने का जिम्मा नए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर को सौंप दिया गया है।

कैबिनेट की बैठक के बाद नए स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया तथा कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मीडिया के सामने आए और बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। इस दौरान मंडाविया ने 23 हजार करोड़ के इमरजेंसी पैकेज का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने 2020 में कोरोना से निपटने के लिए पहला पैकेज 15 हजार करोड़ रुपए का दिया था। इसकी मदद से देश में कोविड डेडिकेटेड अस्पताल 163 से 4,389 हो गए। उन्होंने बताया कि पहले कोविड हेल्थ सेंटर थे ही नहीं, अब 8,338 हो चुके हैं।वहीं  कोविड केयर सेंटरों की संख्या 10 हजार हो गई है। ऑक्सीजन बेड 4 लाख से ज्यादा हो गए हैं।

उन्होंने कहा कि कोविड फंड का अच्छा इस्तेमाल हुआ। कोरोना की दूसरी लहर में जो दिक्कतें हमारे सामने आईं, उसे देखते हुए 23 हजार करोड़ का नया पैकेज लाए हैं। इसमें से केंद्र 15 हजार करोड़ खर्च करेगा और राज्य सरकारों को 8 हजार करोड़ दिए जाएंगे।

स्वास्थ्य मंत्री कहा कि भविष्य में ऑक्सीजन की समस्या देश में न हो, जरूरी दवाओं की कमी न हो और बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए क्या किया जाए, इसको ध्यान रखते हुए यह पैकेज दिया जा रहा है। सेंट्रल और इंटीग्रेटेड डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए इस पैकेज का इस्तेमाल करके हम कोविड से लड़ेंगे। टेली मेडिसिन और टेली कंसल्टेशन पर फोकस किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि जुलाई से मार्च तक हर राज्य में प्राइमरी हेल्थ सेंटर और कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर लेवल पर बेड बनाने का प्रावधान है। 20 हजार आईसीयू (ICU)  बेड बनाने के लिए भी पैकेज की व्यवस्था होगी। उन्होंने बताया कि बच्चों के मद्देनजर इन आईसीयू में हाइब्रिड व्यवस्था होगी।

वहीं तोमर ने बताया कि कैबिनेट ने मंडियों के जरिए किसानों तक एक लाख करोड़ रुपए पहुंचाने का फैसला लिया है। साथ ही नारियल की खेती करने वाले किसानों के फायदे के लिए नारियल एक्ट में अहम संशोधन किए गए हैं। इसके तहत नारियल बोर्ड बनाया जाएगा। इसका सीईओ (CEO) यानी मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजनीतिक आदमी नहीं होगा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार और कोऑपरेटिव फेडरेशन, स्वसहायता समूह और एपीएमसी (APMC) एक लाख करोड़ के इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के लिए पात्र होंगी।

उन्होंने बताया कि एग्री स्टार्टअप तथा किसानों के समूह को दो करोड़ रुपये तक का लोन लेने पर ब्याज पर तीन फीसदी छूट दी जाएगी। इन प्रोजेक्ट की अधिकतम सीमा 25 हो सकती है और अलग-अलग इलाकों में होगी। इन पर दो करोड़ रुपए अलग-अलग लोन दिया जाएगा और ब्याज की छूट होगी। कृषि उपज मंडी के क्षेत्र में किसानों के लिए एक से ज्यादा परियोजनाएं लाई जाएंगी तो उसे भी ऐसे लोन दिए जाएंगे।

आपको बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मंत्रिमंडल विस्तार किया था, जो भारत के इतिहास का सबसे बड़ा कैबिनेट विस्तार किया है। इसमें 43 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। डेढ़ घंटे चले शपथ ग्रहण में 36 नए मंत्रियों ने शपथ ली तथा सात मंत्रियों को प्रमोट किया गया।

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