GST

दिल्लीः कोरोना वायरस की दूसरी लहर का असर जीएसटी राजस्व संग्रह पर भी पड़ा है। कोविड-19 के मद्देनजर राज्य सरकारों द्वारा लागू किए गए लॉकडाउन की वजह से आर्थिक गतिविधियों के प्राभावित हुईं और इसका असर जीएसटी राजस्व संग्रह पर पड़ा । इस वर्ष जून महीने के लिए 5 जुलाई तक कुल 92,849 करोड़ रुपए का जीएसटी राजस्व संग्रहित हुआ है जो पिछले नौ महीने में सबसे कम है।

आपको बता दें कि कोरोना की पहली लहर के बाद देश में आर्थिक गतिविधियों में आ रही तेजी दर्ज की गई थी। साथ ही जीएसटी राजस्व संग्रह में भी तेजी का रुख बना हुआ था। देश में  पिछले आठ महीने लगातार जीएसटी राजस्व संग्रह एक लाख करोड़ रुपए के पार बना रहा था लेकिन जून महीने में इसमें गिरावट आई है। हालांकि अभी भी गत वर्ष जून में संग्रहित जीएसटी राजस्व की तुलना में इस वर्ष 2 फीसदी अधिक है। अब जुलाई महीने से फिर से इस राजस्व में बढ़ोतरी आने की उम्मीद की जा रही है क्योंकि देश के अधिकांश राज्यों ने कोरोना के कारण लागू कड़े नियमों को शिथिल बना दिया है और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने लगी है।

अक्टूबर 2020 से लगातार जीएसटी राजस्व संग्रह एक लाख करोड़ रुपए के पार बना हुआ है। अक्टूबर 2020 में 105,155 करोड़ रुपए, नवंबर 2020 में 104,963 करोड़ रुपए, दिसंबर 2020 में 115,174 करोड़ रुपये और इस वर्ष जनवरी में 119,875 करोड़ रुपए, फरवरी में113143  करोड़ रुपए, मार्च में 123902 करोड़ रुपए, इस वर्ष अप्रैल में यह राशि अब तक के रिकार्ड 141384 करोड़ रुपए पर रहा था। मई में यह राशि 102709 करोड़ रुपए रहा था।

वित्त मंत्रालय द्वारा आज यहां जारी जीएसटी संग्रह के आँकड़ों के अनुसार जून महीने के लिए 05जून से 05 जुलाई तक संग्रहित राजस्व में सीजीएसटी 16,424 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 20,397 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 49,079 करोड़ रुपये और 6949 करोड़ रुपये क्षतिपूर्ति उपकर शामिल है। आईजीएसटी में 25,762 करोड़ रुपये और क्षतिपूर्ति उपकर में 809 करोड़ रुपये आयातित वस्तुओं पर संग्रहित कर शामिल हैं। सरकार ने आईजीएसटी राजस्व में से 19,286 करोड़ रुपये सीजीएसटी में और 16,939 करोड़ रुपये एसजीएसटी में हस्तातंरित किये हैं।

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