दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के लिए शुभ मुहूर्त तय हो गया है। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद बुधवार को शाम साढ़े पांच बजे से शाम से शाम साढ़े छह बजे के बीच नए मंत्रियों को शपथ दिला सकते हैं। मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले नेताओं को दिल्ली बुला लिया गया है। मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले चेहरों को कुछ खास फॉर्म्युले और पैमानों पर चुना गया है। इसमें अनुभव, महिला प्रतिनिधित्व, युवा को तवज्जो देने के साथ सियासी रूप से अहम राज्यों को भी साधने की कोशिश होगी।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लोगों को मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है, उनमें असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, छत्तीसगढ़ से पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, वरूण गांधी, भूपेन्द्र यादव, रामशंकर कठेरिया, बैजयंत पांडा, नारायण राणे, रीता बहुगुणा जोशी, हिना गावित, सुनीता दुग्गल, जामयांग सेरिंग नामग्याल, अपना दल की अनुप्रिया पटेल, जेडीयू से आरसीपी सिंह, ललन सिंह तथा संतोष कुमार आदि के नाम चर्चा में है।

वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की बेटी प्रीतम मुंडे, हीना गावित, मीनाक्षी लेखी, यूपी बीजेपी के प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह, भूपेंद्र यादव, बीजेपी के पश्चिम बंगाल प्रभारी रहे कैलाश विजयवर्गीय, टीएमसी से बीजेपी में आए पूर्व केंद्रीय मंत्री दिनेश त्रिवेदी को मोदी मंत्रिपरिषद में जगह मिल सकती है। साथ ही पश्चिम बंगाल से बीजेपी के एक और सांसद शांतनु ठाकुर को भी मंत्री बनाया जा सकता है। ओडिशा से बीजेपी के राज्यसभा सांसद अश्विनी वैष्णव, मणिपुर से बीजेपी सांसद रंजन सिंह तथा जेडीयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह को भी मंत्रिपरिषद में जगह मिल सकती है।

मंत्रिमंडल विस्तार में उत्तर प्रदेश को सबसे ज्यादा तरजीह मिलने की संभावना है क्योंकि अगले वर्ष की शुरुआत में विधानसभा चुनाव है। इन्हीं रिपोर्टों के बीच गृह मंत्री अमित शाह के साथ अनुप्रिया पटेल की मुलाकात को भी मंत्रिमंडल के विस्तार से जोड़ कर देखा जा रहा है। उधर मध्य प्रदेश के दौरे पर गये सिंधिया भी पार्टी आलाकमान का संदेश मिलने पर यात्रा बीच में स्थगित कर दिल्ली लौट आये हैं।

आपको बता दें कि मौजूदा समय में मोदी मंत्रिमंडल में कई ऐसे मंत्री हैं, जिनके पास जिनके पास दो से अधिक मंत्रालय हैं। इनमें केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के पास ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज तथा  कृषि और खाद्य प्रसंस्करण हैं। इसी प्रकार रविशंकर प्रसाद, डॉ. हर्षवर्धन, प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल और प्रह्लाद जोशी तीन तीन मंत्रालय का कामकाज संभाल रहे हैं। इसके अलावा बीमार चल रहे केंद्रीय राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार श्रीपाद नायक का आयुष मंत्रालय का कामकाज खेल एवं युवा मामलों के मंत्री किरण रिजिजू देख रहे हैं। स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल के पास संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय हैं, जबकि हरदीप सिंह पुरी आवास और शहरी विकास के साथ नागरिक उड्डयन मंत्रालय भी देख रहे हैं। नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी और धर्मेंद्र प्रधान के पास दो-दो मंत्रालय हैं।

सूत्रों ने बताया कि कई मंत्रियों के विभागों में भी परिवर्तन किया जा सकता है। इसी के साथ बीजेपी के संगठन में भी परिवर्तन होने की संभावना है। कुछ मंत्रियों को संगठन में अहम जिम्मेदारी दिये जाने और संगठन से कुछ चेहरे सरकार में जाने के संकेत हैं।

आपको बता दें कि पीएम मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के लिए 30 मई 2019 को मोदी मंत्रिमंडल में 57 मंत्री मंत्रियों के साथ शपथ लिया था। इनमें 24 कैबिनेट, नौ स्वतंत्र प्रभार तथा 24 राज्यमंत्री शामिल थे, लेकिन शिवसेना और शिरोमणि अकाली दल के एनडीए से अलग होने के कारण अरविंद सावंत और हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दिया था। लोक जनशक्ति पार्टी के नेता रामविलास पासवान के निधन के कारण कैबिनेट मंत्रियों की संख्या 21 रह गयी है। वहीं रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी का गत वर्ष कोविड के कारण निधन हो गया था। इसके बाद कुल मंत्रियों की संख्या 53 रह गई थी। अब थावर चंद गहलोत के कर्नाटक के राज्यपाल बनाएं जाने के बाद मंत्रियों की कुल संख्या 52 रह गई है। संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक अपने मंत्रिमंडल में अधिकतम 81 मंत्री रख सकते हैं। इस तरह से मोदी 29 और मंत्रियों को अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर सकते हैं।

 

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