नई दिल्ली.
आंतें शरीर का महत्वपूर्ण अंग हैं जो पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलाने में मदद करती हैं। ऐसे में अगर इनमें कमजोरी आ जाए तो इसके कारण पाचन क्रिया के साथ-साथ कई मुख्य आंतरिक अंगों का स्वास्थ्य प्रभावित होने लगता है। इसलिए आंतों को स्वस्थ रखना जरूरी है।
-आंतों की कमजोरी का मुख्य कारण पानी की कमी होता है, इसलिए इन्हें ठीक करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें। खाद्य पदार्थों को ठीक से पचाने और उनसे पोषक तत्वों की प्राप्त करने में पानी अहम भूमिका निभाता है। इसी के साथ यह शरीर को प्राकृतिक रूप से साफ रखने में भी मदद कर सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी का सेवन जरूर करना चाहिए।
-आंतों की कमजोरी का उपचार करने में प्रोबायोटिक एक अच्छा घरेलू नुस्खा है। आंतों में अच्छे और बुरे दोनों प्रकार के बैक्टीरिया होते हैं, लेकिन आंतों में खराब बैक्टीरिया की मात्रा अधिक हो जाने के कारण ये कमजोर हो सकती हैं। ऐसी स्थिति में प्रोबायोटिक आंतों में अच्छे बैक्टीरिया के स्तर को बढ़ाने में सहायक होते हैं जिससे अच्छे और खराब बैक्टीरिया में संतुलन बना रहता है।
-आंतों की कमजोरी को दूर करने के लिए डाइट में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करना भी लाभदायक हो सकता है। इसके लिए अधिक से अधिक हरी सब्जियां, ताजे और मौसमी फल और साबुत अनाज आदि का सेवन किया जा सकता है। इस प्रकार के भोजन को करने से आंतों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। वहीं वसा युक्त खाद्य पदार्थों को खाने से बचें क्योंकि इनका आंतों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
-शरीर को आंतरिक रूप से फिट और फाइन रखने में एक्सरसाइज और योगाभ्यास काफी मदद कर सकते हैं। अगर आप नियमित रूप से योगाभ्यास और एक्सरसाइज करेंगे तो पाचन क्रिया के साथ-साथ आंतों की कमजोरी आपसे मीलों दूर रहेंगी। इसके लिए शाम और सुबह टहलना या फिर कुछ प्राणायामों का अभ्यास करना बेहद फायदेमंद हो सकता है। अभी कोरोना संक्रमण का खतरा है, इसलिए अभी अपने घर के आंगन या फिर छत पर ही टहलें।