चंडीगढ़ः फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर मिल्खा सिंह अब हमारे बीच नहीं रहे। कोरोना की वजह से शुक्रवार रात 11:30 बजे उनका निधन हो गया है। वह 91 साल के थे। मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मल कौर का पांच दिन पहले पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशंस के कारण निधन हो गया था। मिल्खा सिंह का चंडीगढ़ के PGIMER में 15 दिनों से इलाज चल रहा था। तीन जून को ऑक्सीजन लेवल गिरने के कारण आईसीयू (ICU) गहन चिकित्सा कक्ष में भर्ती कराया गया था। मिल्का सिंह 20 मई को कोरोना पॉजिटिव पांच गए थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सहित विभिन्न नेताओं ने मिल्खा सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। मोदी ने ट्विटर पर अपने शोक संदेश में कहा कि हमने एक शानदार खिलाड़ी खो दिया। मिल्खा ने असंख्य भारतीयों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई थी। मिल्खा के व्यक्तित्व ने उन्हें लाखों लोगों का चहेता बना दिया। उनके निधन से दुखी हूं।
In the passing away of Shri Milkha Singh Ji, we have lost a colossal sportsperson, who captured the nation’s imagination and had a special place in the hearts of countless Indians. His inspiring personality endeared himself to millions. Anguished by his passing away. pic.twitter.com/h99RNbXI28
— Narendra Modi (@narendramodi) June 18, 2021
India mourns the sad demise of legendary sprinter Shri Milkha Singh Ji, The Flying Sikh. He has left an indelible mark on world athletics. Nation will always remember him as one of the brightest stars of Indian sports. My deepest condolences to his family and countless followers. pic.twitter.com/HsHMXYHypx
— Amit Shah (@AmitShah) June 18, 2021
मिल्खा सिंह और उनकी पत्नी 20 मई को कोरोना संक्रमित पाए गए थे। 24 मई को दोनों को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 30 मई को परिवार के लोगों के आग्रह पर उनकी वहां से छुट्टी करवा ली गई थी और कुछ दिनों पहले ही वे घर लौटे थे। इसके बाद से उनका घर पर ही इलाज चल रहा था। कुछ दिन बाद उनकी तबीयत फिर खराब हुई और ऑक्सीजन लेवल गिरने लगा था। तीन जून को उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।
पीएम मोदी ने तबीयत बिगड़ने पर चार जून को मिल्खा सिंह से फोन पर बातचीत की थी और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी। इसके बाद मोदी ने कहा था कि मिल्खा टोक्यो ओलिंपिक में भाग लेने वाले एथलीटों को आशीर्वाद देने और प्रेरित करने के लिए जल्द ही वापस आएंगे।
मिल्खा सिंह की पत्नी निर्मल कौर का पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशंस के कारण निधन हो गया था। वह 85 साल की थीं। निर्मल भारतीय महिला वॉलीबॉल टीम की कप्तान रह चुकी थीं। साथ ही वे पंजाब सरकार में स्पोर्ट्स डायरेक्टर (महिलाओं के लिए) के पद पर भी रही थीं। मिल्खा सिंह के परिवार की ओर से जारी बयान में बताया गया था कि कि निर्मल कौर का निधन 13 जून को शाम 4.00 बजे हुआ।
मिल्खा सिंह का जन्म 20 नवंबर 1929 को गोविंदपुरा (मौजूदा समय में पाकिस्तान का हिस्सा है) के एक सिख परिवार में हुआ था। खेल और देश से बहुत लगाव था, इस वजह से विभाजन के बाद भारत भाग आए और भारतीय सेना में शामिल हो गए। कुछ वक्त सेना में रहे लेकिन खेल की तरफ झुकाव होने की वजह से उन्होंने क्रॉस कंट्री दौड़ में हिस्सा लिया, जिसमें 400 से ज्यादा सैनिकों ने दौड़ लगाई। मिल्खा 6वें नंबर पर आए।
मिल्खा सिंह ने 1956 में मेलबर्न में आयोजित ओलिंपिक खेल में भाग लिया। इस रेस में वह कुछ खास नहीं कर पाए, लेकिन आगे की स्पर्धाओं के रास्ते खोल दिए। मिल्खा सिंह ने 1958 में कटक में आयोजित नेशनल गेम्स में 200 और 400 मीटर में कई रिकॉर्ड बनाए। इसी साल टोक्यो में आयोजित एशियाई खेलों में 200 मीटर, 400 मीटर की स्पर्धाओं और राष्ट्रमंडल में 400 मीटर की रेस में स्वर्ण पदक जीते। उनकी सफलता को देखते हुए, भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया।
पाकिस्तान में आयोजित एक दौड़ में भाल लेने के लिए मिल्खा सिंह वहां गए थे। इसमें उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया। उनके प्रदर्शन को देखकर पाकिस्तान के जनरल अयूब खान ने उन्हें ‘द फ्लाइंग सिख’ नाम दिया। 1960 को रोम में आयोजित समर ओलिंपिक में मिल्खा सिंह से काफी उम्मीदें थीं। 400 मीटर की रेस में वह 200 मीटर तक सबसे आगे थे, लेकिन इसके बाद उन्होंने अपनी गति धीमी कर दी। इससे वह रेस में पिछड़ गए और चौथे नंबर पर रहे। 1964 में उन्होंने एशियाई खेल में 400 मीटर और 4×400 रिले में गोल्ड मेडल जीते।
आपको बता दें कि मिल्खा सिंह के जीवन पर साल 2013 में बॉलीवुड हिंदी फिल्म- भाग मिल्खा भाग बनी थी। इसका निर्देशन राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने किया। इस फिल्म में मिल्खा सिंह की भूमिका में फरहान अख्तर नजर आए थे। अप्रैल 2014 में 61वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में इस फ़िल्म को सर्वश्रेष्ठ मनोरंजक फिल्म का पुरस्कार मिला। इसके अतिरिक्त सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफी के लिए भी पुरस्कृत किया गया था।