स्वदेशी कोरोना की वैक्सीन कोवैक्सिन को लेकर एक बड़ी खबर है। इस वैक्सीन को डब्ल्यूएचओ (WHO) विश्व स्वास्थ्य संगठन से अप्रूवल मिलने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि डब्ल्यूएचओ जुलाई से सितंबर के बीच इस वैक्सीन के आपातकाली इस्तेमाल की मंजूरी प्रदान कर सकते हैं। वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक जेनेवा स्थित डब्ल्यूएचओ मुख्यालय में इसके लिए आवेदन कर दिया है।
डब्ल्यूएचओ ने वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक के ईओआई (EOI) यानी एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट को स्वीकार कर लिया है। कंपनी ने कोवैक्सिन को अप्रूवल दिलाने के लिए 19 अप्रैल को ईओआई सब्मिट किया था। अब 23 जून को इस मामले में प्री-सब्मिशन मीटिंग होगी। अब आइए आपको समझाते हैं कि डब्ल्यूएचओ से आपातालकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिलने की अहमियत क्या हैः-
- डब्ल्यूएचओ की आपातालकालीन इस्तेमाल सूची में महामारी जैसी पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी में हेल्थ प्रोडक्ट की सेफ्टी और इफेक्टिवनेस को जांचा जाता है। आपको बता दें कि डब्ल्यूएचओ ने फाइजर की वैक्सीन को 31 दिसंबर 2020 को, ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को 15 फरवरी 2021 को और जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन को 12 मार्च को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी थी।
- डब्ल्यूएचओ के अनुसार आपातकालीन स्थिति के मद्देनजर जल्द से जल्द दवा, वैक्सीन और डायग्नोस्टिक टूल्स विकसित करना और अप्रूव करना जरूरी है। वह भी सेफ्टी, एफिकेसी और क्वालिटी के मानकों पर खरा रहते हुए। यह असेसमेंट महामारी के दौरान व्यापक स्तर पर लोगों के लिए इन प्रोडक्ट्स की उपयोगिता सुनिश्चित करता है।
- विदेशी यूनिवर्सिटी और कई देशों ने ऐसे नियम बनाए हैं कि डब्ल्यूएचओ से अप्रूव वैक्सीन लगवा चुके लोगों को बिना पाबंदियों के विदेश यात्रा करने की छूट होगी। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित विदेशी यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले वे बच्चे होंगे, जिन्होंने भारत में कोवैक्सिन लगवाई है।
- कोवैक्सिन को जुलाई से सितंबर के बीच डब्ल्यूएचओ से आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है। कंपनी ने बताया कि 60 देशों में कोवैक्सिन के लिए रेगुलेटरी अप्रूवल्स की प्रॉसेस चल रही है। इनमें कोविड-19 सबसे ज्यादा प्रभावित देश अमेरिका और ब्राजील भी शामिल हैं।
- कंपनी के मुताबिक, कोवैक्सिन को अब तक 13 देशों में मंजूरी मिल चुकी है।