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दो दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ में कसीदे गढ़ने वाले शिवसेना नेता संजय राउत के सुर बदल गए हैं। राउत ने कहा है कि राज्य की पूर्वर्ती सरकार में बीजेपी का व्यवहार शिवसेना के लिए नौकरों जैसा होता था। आपको बता दें कि महाराष्ट्र में 2014 से 2019 के बीच के बीजेपी तथा शिवसेना की सरकार थी तथा राउत उस दौरान की बात कर रहे थे। दो दिन पहले ही राउत ने मोदी को देश का शीर्ष नेता बताया था।

राउत ने जलगांव में शिवसेना कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में जो पिछली सरकार बनी थी, उसमें शिवसेना को दूसरे नंबर का दर्जा दिया गया था। हमारे साथ नौकर की तरह का व्यवहार किया जाता था। इतना ही नहीं, जिस पार्टी के समर्थन से बीजेपी सत्ता में आई थी, उसी सत्ता का इस्तेमाल कर हमें खत्म करने की भी कोशिश की गई थी।

उन्होंने कहा कि मेरा हमेशा से ही ये मानना रहा है कि महाराष्ट्र में सीएम शिवसेना का ही होना चाहिए। भले ही शिवसैनिक को कुछ न मिले, पर हम गर्व से ये तो कह सकते हैं कि महाराष्ट्र की सत्ता शिवसेना नेता के हाथ में है। महा विकास अघाड़ी सरकार इसी भावना के साथ गठित की गई थी। उन्होंने कहा कि अजित पवार सरकार गठन के लिए भाजपा के साथ गए थे, वह आज हमारे गठबंधन के सबसे मजबूत प्रवक्ता हैं।

महाराष्ट्र में बयानबाजी का ये दौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के बीच आठ जून को दिल्ली में हुई मुलाकात के बाद शुरू हुई है। आठ जून को उद्धव के साथ उप मुख्यमंत्री अजित पवार और अशोक चव्हाण भी थे, लेकिन मोदी से उद्धव की मुलाकात अकेले में हुई थी। करीब 100 मिनट तक चली इस मुलाकात के बाद उद्धव कहा था कि सियासी तौर पर हम साथ नहीं, पर रिश्ते तो पुराने हैं। मोदी कोई नवाज शरीफ थोड़े हैं, जो मुलाकात छिपकर करता। इसी के बाद से सियासी अटकलों का दौर शुरू हो गया कि बीजेपी और शिवसेना फिर साथ आ सकते हैं। इसी दौरान संजय राउत ने कहा कि देश में अगर कोई टॉप लीडर है तो वह मोदी हैं।

 

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