राज्य सरकारों को अब कोरोना की वैक्सीन खरीदने के लिए पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा। अब केंद्र की ओर से मुफ्त वैक्सीन दी जाएगी। साथ ही केंद्र सरकार देश के 80 करोड़ गरीब लोगों को नवंबर यानी दिवाली तक मुफ्त राशन देगी। यह घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को की। मोदी ने आज राष्ट्र को संबोधित किया। कोरोना काल में मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन का यह नौंवा कार्यक्रम था। अपने 32 मिनट के संबोधन में उन्होंने दो बड़ी घोषणाएं कीं। राज्यों को अब इसके लिए कुछ खर्च नहीं करना पड़ेगा। दूसरा कि देश के 80 करोड़ गरीब लोगों को नवंबर यानी दिवाली तक मुफ्त राशन दिया जाएगा।
पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि कोरोना की दूसरी लहर और इससे हमारी लड़ाई जारी है। दुनिया के अनेक देशों की तरह भारत भी इस लड़ाई के दौरान बड़ी पीड़ा से गुजरा है। हममें से कई लोगों ने अपने परिजनों और परिचितों को खोया है। ऐसे सभी परिवारों के साथ मेरी पूरी संवेदनाएं हैं। बीते 100 साल में आई ये सबसे बड़ी महामारी है। इस तरह की महामारी आधुनिक विश्व ने न देखी थी और न अनुभव की थी।
उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी वैश्विक महामारी से हमारा देश कई मोर्चों पर एक साथ लड़ रहा है। कोविड अस्पताल बनाने से लेकर आईसीयू बेड्स की संख्या बढ़ाना, वेंटिलेटर बनाने से लेकर टेस्टिंग लैब का नेटवर्क तैयार करना हो। बीते सवा साल में ही देश में एक नया हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है। दूसरी लहर के मिस-मैनेजमेंट और केंद्र की भूमिका पर सवाल उठने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि राज्यों की मांग पर ही उन्हें कोरोना नियंत्रण और वैक्सीनेशन के अधिकार दिए गए
प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की अहम बातें …
- राज्यों की इस मांग पर हमने भी सोचा कि देशवासियों को तकलीफ न हो। सुचारु रूप से उनका वैक्सीनेशन हो। इसके लिए 16 जनवरी से अप्रैल अंत वाली व्यवस्था को फिर लागू किया जाए। हमने आज ये फैसला लिया गया है कि राज्यों के पास वैक्सीनेशन से जुड़ा जो 25 प्रतिशत काम था, उसकी जिम्मेदारी भारत सरकार उठाएगी। ये व्यवस्था दो हफ्ते में लागू की जाएगी। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर नई गाइडलाइन के अनुसार जरूरी तैयारी कर लेगी।
- मोदी ने कहा कि संयोग है कि 21 जून को ही अंतरराष्ट्रीय योग दिवस भी है। 21 जून सोमवार से देश के हर राज्य में 18 साल से ऊपर के लोगों के लिए भारत सरकार राज्यों को मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध कराएगी। वैक्सीन निर्माताओं से कुल उत्पादन का 75 प्रतिशत हिस्सा खुद खरीदकर राज्य सरकार को मुफ्त देगी। किसी भी राज्य सरकार को वैक्सीन को कुछ भी खर्च नहीं करना होगा।
- उन्होंने कहा कि देशवासियों टीकाकरण के अलावा आज एक और बड़े फैसले से अवगत कराना चाहता हूं। पिछले साल जब लॉकडाउन लगाना पड़ा तो प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ देशवासियों को आठ महीने तक मुफ्त राशन दिया गया। दूसरी लहर के कारण मई और जून के लिए भी ये योजना बढ़ाई गई। आज सरकार ने फैसला लिया है कि इस योजना को अब दीपावली तक आगे बढ़ाया जाएगा। नवंबर तक 80 करोड़ गरीबों को तय मात्रा में मुफ्त अनाज उपलब्ध होगा।
- पीएम ने कहा कि अप्रैल और मई के महीने में ऑक्सीजन की डिमांड अकल्पनीय रूप से बढ़ गई। भारत में कभी भी इतनी मात्रा में इतनी ऑक्सीजन की जरूरत महसूस नहीं की गई। इस जरूरत को पूरा करने केलिए युद्ध स्तर पर काम किया गया। सरकार के सभी तंत्र लगे। ऑक्सीजन रेल, एयरफोर्स, नौसेना को लगाया गया। लिक्विड ऑक्सीजन के प्रोडक्शन में 10 गुना ज्यादा बढ़ोतरी बहुत कम समय में हो गई। दुनिया के हर कोने से जो उपलब्ध हो सकता था, उसे लाया गया। जरूरी दवाओं के प्रोडक्शन को कई गुना बढ़ाया गया। विदेशों में जहां भी दवाइयां उपलब्ध हों, वहां से उन्हें लाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी गई। कोरोना जैसे अदृश्य और रूप बदलने वाले दुश्मन के खिलाफ लड़ाई में सबसे प्रभावी हथियार कोविड प्रोटोकॉल है।
- उन्होंने कहा कि वैक्सीन सुरक्षा कवच की तरह है। पूरी दुनिया में वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां गिनी-चुनी हैं। अभी हमारे पास भारत में बनी वैक्सीन नहीं होती तो भारत जैसे विशाल देश में क्या होता। पिछले 50-60 साल का इतिहास देखेंगे तो पता चलेगा कि भारत को विदेशों से वैक्सीन हासिल करने में दशकों लग जाते थे। वैक्सीन का काम पूरा हो जाता था, तब भी हमारे देश में वैक्सीनेशन का काम शुरू नहीं हो पाता था। पोलियो, स्मॉल पॉक्स, हैपेटाइटिस बी की वैक्सीन के लिए देशवासियों ने दशकों तक इंतजार किया था।
- मोदी ने कहा कि 2014 में देशवासियों ने हमें सेवा का अवसर दिया तो भारत में वैक्सीनेशन का कवरेज सिर्फ 60 प्रतिशत के आसपास था। हमारी नजर में ये चिंता की बात थी। जिस रफ्तार से भारत का टीकाकरण कार्यक्रम चल रहा था, उस रफ्तार से देश को शत-प्रतिशत टीकाकरण कवरेज हासिल करने में 40 साल लग जाते। हमने इस समस्या के समाधान के लिए मिशन इंद्रधनुष को लॉन्च किया है। हमने तय किया कि इस मिशन के माध्यम से युद्ध स्तर पर वैक्सीनेशन किया जाएगा और देश में जिसको भी वैक्सीनेशन की जरूरत है। उसे वैक्सीन देने का प्रयास होगा। हमने मिशन मोड में काम किया।
- उन्होंने कहा कि हमने 5-7 साल में ही वैक्सीनेशन कवरेज 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 फीसदी कर दिया है। हमने वैक्सीनेशन की स्पीड और दायरा दोनों बढ़ाया है। बच्चों को कई जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए कई नए टीकों को अभियान का हिस्सा बनाया। हमें हमारे देश के बच्चों की चिंता थी, गरीब की चिंता थी, गरीब के बच्चों की चिंता थी, जिन्हें कभी टीका लग ही नहीं पाया।
- मोदी ने देश के वैज्ञानिकों की तारीफ करते हुए कहा कि हमारे देश के वैज्ञानिकों ने यह दिखा दिया कि भारत बड़े-बड़े देशों से पीछे नहीं है। आज जब बात कर रहा हूं तो देश में कोरोना से बचाव के लिए 23 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज दी जा चुकी है। हमारे यहां कहा जाता है कि विश्वासेन सिद्धि यानी हमारे प्रयासों से सफलता तब मिलती है जब हमें स्वयं पर विश्वास होता है। हमें पूरा विश्वास था कि हमारे वैज्ञानिक बहुत ही कम समय में वैक्सीन बनाने में सफलता हासिल कर लेंगे।
- उन्होंने कहा कि देश में सात कंपनियां अलग-अलग वैक्सीन का उत्पादन, ट्रायल कर रही हैं। दूसरे देशों से भी इस प्रक्रिया को तेज करने का प्रयास किया गया है। कुछ एक्सपर्ट ने बच्चों को लेकर चिंता जाहिर की है। इस दिशा में भी दो वैक्सीन का ट्रायल तेजी से चल रहा है। देश में नेजल वैक्सीन पर भी रिसर्च जारी है। देश में अगर निकट भविष्य में इस वैक्सीन में सफलता मिलती है तो वैक्सीन अभियान में और ज्यादा तेजी आएगी। इतने कम समय में वैक्सीन बनाना अपने आप में पूरी मानवता के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है।
- पीएम ने कहा कि केंद्र ने राज्यों और सांसदों से मिले सुझावों के लिहाज से तय किया कि कोरोना से जिन्हें ज्यादा खतरा है, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। ऐसे में फ्रंट लाइन वर्कर्स और हेल्थ वर्कर्स के अलावा 60 और 45 साल से ऊपर के नागरिकों को वैक्सीन लगाई गई। अगर कोरोना की दूसरी वेव से पहले फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन न लगी होती तो क्या होता। अस्पतालों के सफाई कर्मियों, एंबुलेंस के ड्राइवर को वैक्सीन न लगती तो क्या होता। ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगने से ही लाखों देशवासियों का जीवन बचा पाए हैं।
- उन्होंने आखिर में कहा कि मैं आप सबसे, प्रबुद्धों से और युवाओं से अनुरोध करता हूं कि वैक्सीन को लेकर जागरूकता बढ़ाने में सहयोग करें। कई जगहों पर कर्फ्यू में ढील दी जा रही है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि कोरोना चला गया है। हमें सावधान रहना है और बचाव के नियमों का सख्ती से पालन करते रहना है। हम जंग जीतेंगे। भारत कोरोना से जीतेगा।
पीएम मोदी के अब तक के राष्ट्र के नाम संदेश
- पहला: 19 मार्च 2020- 29 मिनट का भाषण, जनता कर्फ्यू की अपील
- दूसरा: 24 मार्च 2020- 29 मिनट का भाषण, 21 दिन के लॉकडाउन का ऐलान
- तीसरा: 3 अप्रैल 2020- 12 मिनट का वीडियो संदेश, 9 मिनट लाइटें बंद करने की अपील
- चौथा: 14 अप्रैल 2020- 25 मिनट का भाषण, देश में 3 मई तक लॉकडाउन बढ़ाया
- पांचवां: 12 मई 2020- 33 मिनट का भाषण, आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए 20 लाख करोड़ रुपए का पैकेज
- छठवां: 30 जून 2020- 17 मिनट का भाषण, अन्न योजना नवंबर तक बढ़ाने की घोषणा
- सातवां: 20 अक्टूबर 2020- बिहार में वोटिंग से 8 दिन पहले उन्होंने अपील की- जब तक कोरोना की दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं।
- आठवां: 20 अप्रैल 2021 – 19 मिनट का भाषण, राज्यों से कहा कि देश को लॉकडाउन से बचाना है। सरकारें इसे आखिरी विकल्प के तौर पर इस्तेमाल करें।