देश में पिछले 20 दिनों से कोरोना वायरस के दैनिक मामलों में गिरावट देखने को मिल रही है। साथ ही राहत की बात यह है कि इस प्राण घातक विषाणु से निजात पाने वाले लोगों की संख्या इसकी चपेट में आने वाले नए लोगों की तुलना में अधिक रह रही है। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को यह दी।

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि इस दौरान देश में करीब आठ लाख एक्टिव केस कम हुए हैं। उन्होंने बताया कि देश में अब महज सात राज्य ऐसे हैं, जहां संक्रमण दैनिक मामले 10 हजार से ज्यादा आ रहे हैं। वहीं पांच  से 10 हजार मामलों वाले राज्यों की संख्या छह है। उन्होंने बताया कि छह राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, यूपी, पंजाब और दिल्ली में सबसे ज्यादा मौतें हो रही हैं।

उन्होंने ने कहा कि अब भी हमारी कोशिश कंटेनमेंट जोन बनाने पर ज्यादा है। हम लगातार टेस्टिंग बढ़ा रहे हैं। यही वजह है कि संक्रमण का प्रसार रोकने में हम सफल होते दिख रहे हैं। उन्होंने बताया कि देश के 382 जिले ऐसे है, जहां 10 प्रतिशत से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट है, जिसे हमें और काम करने की जरूरत है।

अग्रवाल के मुताबिक, देश में वैक्सीन की बर्बादी भी घट रही है। उन्होंने बताया कि कोवीशील्ड के खराब होने की दर 1 मार्च को 8 प्रतिशत थी, जो अब घटकर 1 फीसदी रह गई है। वहीं इसी दौरान में कोवैक्सिन के खराब होने की दर 17 प्रतिशत से घटकर 4 फीसदी पर आ गई है। उन्होंने बताया कि इसे धीरे-धीरे शून्य पर लाने की कोशिश हो रही है। हाल में प्रधानमंत्री ने जिलों के कलेक्टर के साथ बैठक की। इसके बाद इन जिलों की जो बेहतर काम किए गए, उन्हें साझा किया है।

संयुक्त स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि फंगस इंफेक्शन कंट्रोल करने और इसके इलाज के लिए सरकार ने गाइड लाइन जारी की है। उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस के लिए एमफोटेरेसिन-बी की देश में सीमित उपलब्धता थी, जिसे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पांच और मैन्युफैक्चरर को लाइसेंस दिलाने का काम किया जा रहा है। साथ ही अभी जो मैन्युफैक्चरर हैं, वे भी प्रोडक्शन बढ़ा रहे हैं

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