नई दिल्ली.
नई स्टडी में कोरोना वायरस से कुछ चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जिनके हिसाब से कोरोना से ठीक हुए पुरुषों के लिए खतरा ज्यादा है। क्योंकि कई महीनों बाद भी पूरी कोरोना की जकड़ से निकल नहीं पा रहे है। खुलासा के मुताबिक, कोरोना वायरस ठीक हुए पुरुष के जननांगों में जाकर घर बना ले रहा है, जिसकी वजह से पुरुषों को इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या आ रही है, जिसकी वजह से पुरुषों के सेक्स हॉर्मोन टेस्टोस्टेरोन के स्तर में कमी होने की बात सामने आई है, जिसके कारण पुरुषों की सेक्स पावर पर बुरा असर पड़ रहा है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि इस अध्ययन के आधार पर यह पता लगाया जा सकता है कि कोविड-19 के मामले में महिलाओं की तुलना में पुरुषों में रोगों से लड़ने की क्षमता कम क्यों होती जा रही है। शोध में यह भी बताया गया है कि शुक्राणुओं के स्तर में गड़बड़ी होने से पुरुषों की रोगों से लड़ने की क्षमता भी खत्म हो रही है।
यह पहला अध्ययन है जो कि यह दावा करता है कि कोविड-19 ही टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करता है। वहीं मियामी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने दो पुरुष कोरोना मरीजों के लिंग का स्कैन किया। ये स्कैनिंग इन पुरुषों की रिकवरी के 6 महीने बाद की गई। जांच में पता चला कि उनके जननांगों के अंदर मौजूद इरेक्टाइल सेल्स के अंदर कोरोना वायरस घर बनाकर बैठ गया है। जिसकी वजह से इन पुरुषों को स्तंभन दोष की दिक्कत आ रही है
एक अध्ययन के अनुसार, कोरोना सं जंग जीते चुके 35 में से 69 फ़ीसदी पुरुषों में सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम था। यह सेक्स हार्मोन शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को नियंत्रित करने में मदद करता है। अध्ययन में शामिल 60 फ़ीसदी महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन का स्तर ज्यादा पाया गया। दरअसल, टेस्टोस्टेरोन की कमी से इम्यून सिस्टम के किसी रोगाणु को मारने की कोशिश में बाधा पैदा होती है। इस कारण साइटोकिन स्टॉर्म हो जाता है।
कुछ पुरुष पैदाइशी हाइपोगोनाडिज्म के शिकार होते हैं। ऐसे पुरुषों के शरीर में पर्याप्त मात्रा में टेस्टोस्टेरोन नहीं बन पाता है। कुछ पुरुष ऐसे भी होते हैं, जिनमें यह काफी बाद में विकसित होना शुरू होता है। आमतौर पर उन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन देर से बनना शुरू होता है जो किसी संक्रमण या चोट का शिकार होते हैं। इसका इलाज टेस्टोस्टेरोन रिप्लेसमेंट थेरेपी से किया जा सकता है।
मालूम हो कि पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन नामक हार्मोन ही सेक्स की इच्छा को बढ़ाता है। सामान्य तौर पर उम्र बढ़ने के साथ टेस्टोस्टेरॉन के स्तर में गिरावट देखने को मिलती है। हालांकि अब 30 की उम्र के पुरुषों में भी टेस्टोस्टेरॉन के स्तर में गिरावट देखने को मिल रही है। प्रभावित व्यक्ति के अंदर उपस्थित सेक्स हार्मोन टेस्टोस्टेरॉन का स्तर उसके सामाजिक व्यवहारों को प्रभावित करता है। यह बहुत जरुरी है कि कोरोनाकाल में टेस्टोस्टेरॉन के स्तर को हमेशा बनाए रखें, नहीं तो आगे चल कर आपको बहुत सारी परेशानियों को झेलना पड़ सकता है।
कोरोनाकाल में यह करें उपाय-
-दिन की शुरुआत हाई प्रोटीन आहार से करें। इसके लिए आप ब्रेकफास्ट में अंडा, हरी पत्तेदार सब्जी और नट्स ले सकते हैं। कार्बोहाइड्रेट वाले ब्रेकफास्ट टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करते हैं।
-पुरुषों के कमर की चर्बी जितनी अधिक होती है, टेस्टोस्टेरोन का स्तर उतना कम होता है। इसलिए जरूरी है कि आप अपनी एब्स पर थोड़ा काम करें। एब्स के लिए कुछ एक्सरसाइज को अपने रुटीन का हिस्सा बनाएं। एक्सरसाइज से शरीर मजबूत होता और सेक्स पावर भी बढ़ती है।
-नींद का भी टेस्टोस्टेरॉन की प्रोडक्शन पर प्रभाव पड़ता है। आप कितने घंटे सोते है इसका प्रभाव आपके टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की प्रोडक्शन पर पड़ता है। विशेषज्ञों के अनुसार रात में कम से कम 7-8 घंटों के लिए सोना चाहिए, क्योंकि शरीर में 70% टेस्टोस्टेरोन निद्रावस्था में उत्पन्न होता है।
-एक शोध में पाया गया है कि जो पुरुष वेट लिफ्टिंग एक्सरसाइज करते हैं उनके टेस्टोस्टोरोन हार्मोन में 49 प्रतिशत तक वृद्धि हो सकती है। तो एक्सरसाइज में मसल्स के वर्कआउट पर काम करना चाहिए।
-पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के उच्च स्तर को बनाएं रखने के लिए उन खाद्य पदार्थों का सेवन करना बहुत जरूरी है जो आपके शरीर में जिंक और मैग्नीशियम जैसे खनिजों से भरपूर हों।
-अल्कोहल या किसी भी प्रकार से नशे से पुरुषों में सेक्स हार्मोन का स्तर कम हो जाता है। अनुसंधानों से यह पता चला है कि नशे का सेवन करने वाले लोगों का शरीर 50% कम टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन करता है।
-मीठा कम खाएं, क्योंकि शरीर में शर्करा के स्तर के बढ़ने से इंसुलिन का स्तर बढ़ता है। जब आप मीठा खाते हैं तो आपके शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर अपने आप कम हो जाता है। इस हार्मोन के स्रवण और शारीरिक विकास के लिए जितनी हो सके उतनी कम मीठी चीज़ें खाएं।