देश में कोरोना वायरस के नए मामलों में गिरावट आ रही है, लेकिन इससे होने वाली मौतें चिंता बढ़ा रही है। पिछले 24 घंटों में देशभर से कोविड-19 के 2,63,533 नए मामले सामने आए हैं। यह लगातार दूसरा दिन है जब नए केसेज का आंकड़ा 3 लाख से नीचे रहा। इस दौरान देशभर में कोरोना के सक्रिय मामलों में डेढ़ लाख से ज्यादा की कमी आई है। मौजूदा समय में देशभर में कोरोना के 33,53,765 सक्रिय मामले हैं, लेकिन चिंता का विषय इस जानलेवा विषाणु से होने वाली मौतें हैं।
पिछले 24 घंटों में चार लाख 22 हजार 436 मरीज स्वस्थ हुए हैं, जिससे रिकवरी दर 85.60 फीसदी हो गई है। अब तक दो करोड़ 15 लाख 96 हजार 512 लोग कोरोना को मात दे चुके हैं। कोविड-19 के कारण पिछले 24 घंटों में देश के विभिन्न हिस्सों में 4,329 मरीजों की मौत हुई है जो एक दिन में सबसे ज्यादा मौतों का आंकड़ा है। भारत में इस महामारी से अबतक 2,78,719 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि विशेषज्ञ अगले दो से तीन हफ्ते में मौतें भी कम होने की उम्मीद जता रहे हैं। आइए एक नजर डालते हैं पिछले कुछ दिनों में देशभर में कोरोना के नए मामलों तथा इसके कारण होने वाली मौतों परः-
तारीख | ऐक्टिव केस | मौतें |
14 मई | 37,04,893 | 4,000 |
15 मई | 36,73,802 | 3,890 |
16 मई | 36,18,458 | 4,077 |
17 मई | 35,16,997 | 4,106 |
18 मई | 33,53,765 | 4,329 |
विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 करीब दो-तीन हफ्ते बाद मौत होती है। चूंकि नए केसेज घटे हैं, ऐसे में मौतों की संख्या पर उनका असर दो-तीन हफ्ते में दिखेगा। दिल्ली मेडिकल काउंसिल के प्रेजिडेंट डॉक्टर अरुण गुप्ता ने बताया कि संक्रमण और मौत में लगभग 15 दिन का अंतर होता है। उन्होंने बताया कि जब कोई संक्रमित होता है या उनमें संक्रमण की पुष्टि होती है तो पहले ही दिन लोग बीमार नहीं होते हैं।
वहीं मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज की कम्युनिटी मेडिसिन की प्रोफेसर नंदिनी शर्मा के मुताबिक दो से तीन हफ्ते बाद कोरोना से होने वाली मौतें कम होगी। उन्होंने कहा कि नए मरीज कम हुए हैं, लेकिन आईसीयू वाले मरीज कम नहीं हुए हैं। जो लोग पहले संक्रमित हुए थे, वे अभी एडमिट होंगे, उनमें से कुछ आईसीयू में होंगे और कुछ वेंटिलेटर पर।
डॉ. शर्मा ने बताया कि आज भी आईसीयू बेड्स खाली नहीं हैं। डॉक्टर नंदिनी ने कहा कि इस पीक के बीच राहत की बात है कि दिल्ली में संक्रमण दर और नए मरीज कम हो रहे हैं। संक्रमण रेट पांच फीसदी है और यह कम-से-कम एक हफ्ते तक टीका रहे तो इस पीक से बाहर निकल सकते हैं।