छत्तीसगढ़ सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है। राज्य सरकार ने नवा रायपुर में निर्माणाधीन राजभवन, मुख्यमंत्री निवास और मंत्रियों-अधिकारियों के लिए आवासीय परियोजनाओं के काम रोक दिया है। साथ ही नई विधानसभा के निर्माण के लिए जारी टेंडर को निरस्त कर दिया गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद लोक निर्माण विभाग ने सभी ठेकेदारों को काम बंद करने का आदेश जारी किया है।

आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मौजूदगी में 25 नवम्बर 2019 को इस निर्माण का भूमिपूजन किया गया था। उसके बाद से जोर-शोर से काम शुरू हुआ। सरकार इस प्रोजेक्ट का काम अगले विधानसभा चुनाव तक पूरा कर लेना चाहती थी, लेकिन महामारी से पड़े आर्थिक दबाव और निर्माण को प्राथमिकता देने को लेकर हो रही आलोचनाओं के कारण सरकार ने इसका काम रोकने का फैसला किया है। साथ ही सेक्टर 19 में प्रस्तावित विधानसभा की नई इमारत के लिए पूर्व में जारी निविदाओं को निरस्त कर दिया गया है। इसके तहत 245 करोड़ 16 लाख और 118 करोड़ के अलग-अलग काम होने थे।

कोरोना के तांडव के बीच निर्माण कार्य जारी रखने को लेकर विपक्ष हमलावर था। एक दिन पहले ही बीजेपी सांसद सुनील सोनी ने इस निर्माण पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था, नए संसद भवन पर सवाल उठाने वाली सोनिया गांधी को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पूछना चाहिए कि नया रायपुर में मंत्रियों के बंगले और भव्य विधानसभा क्यों बना रहे हैं?

आपको बता दें कि नवा रायपुर के सेक्टर-24 में राजभवन, सीएम आवास , मंत्रियों तथा अफसरों के बंगले के साथ ही 164 आवास बनाए जाने हैं। निर्माण कार्य दो साल में पूरा करने का लक्ष्य है। इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी पुणे की कंपनी को दी गई है। करीब 505 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। राजभवन का कैंपस 14 एकड़ में होगा, जहां दरबार हॉल के साथ सेक्रेट्रिएट बिल्डिंग, स्टाफ क्वार्टर होगा। वहीं आठ एकड़ में बनने वाले सीएम हाऊस में छह बेडरूम, फैमिली तथा लिविंग रूम, प्राइवेट थियेटर, हेल्थ सेंटर और बड़ी लाइब्रेरी होगी।

वहीं छत्तीसगढ़ का नया विधानसभा भवन का मंत्रालय महानदी एवं इन्द्रावती भवन के बीच पिछले हिस्से में 51 एकड़ जमीन पर बनना है। नया भवन 52 हजार 497 वर्ग मीटर में होगा। भवन में 90 विधायकों की बैठक क्षमता होगी। इसमें अध्यक्षीय दीर्घा, अधिकारी दीर्घा, प्रतिष्ठित दर्शक दीर्घा, पत्रकार दीर्घा एवं दर्शक दीर्घा का निर्माण किया जाना है।

वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत निर्माण कार्य जारी है। आइए आपको बताते हैं कि क्या है सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्टः-
इस प्रोजेक्ट के तहत मौजूद राष्ट्रपति भवन, मौजूदा संसद भवन, इंडिया गेट और राष्ट्रीय अभिलेखागार की इमारत को वैसा ही रखा जाएगा। सेंट्रल विस्टा के मास्टर प्लान के मुताबिक पुराने गोलाकार संसद भवन के सामने गांधीजी की प्रतिमा के पीछे नया तिकोना संसद भवन बनेगा। यह 13 एकड़ जमीन पर बनेगा। इस जमीन पर अभी पार्क, अस्थायी निर्माण और पार्किंग है। नए संसद भवन में दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के लिए एक-एक इमारत होगी, लेकिन सेंट्रल हॉल नहीं बनेगा।

वहीं मंत्रालयों का साझा केंद्रीय सचिवालय बनाने के लिए शास्त्री भवन, उद्योग भवन, निर्माण भवन, कृषि भवन सहित कई अन्य इमारतें भी गिराई जाएंगी। सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास प्रोजेक्ट में सीपीडब्ल्यूडी (CPWD) यानी केंद्रीय लोकनिर्माण विभाग के हालिया प्रस्ताव के मुताबिक प्रधानमंत्री के नए आवासीय कॉम्प्लेक्स में चार मंजिला 10 इमारतें होंगी। प्रधानमंत्री के नए आवास को 15 एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा।

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