- औरंगाबाद के जोकहरी गांव में हो रहा है सूर्यकुल शिव मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन
- शोभा यात्रा में शामिल सभी लोगों ने पहना फेस मास्क, शारीरिक दूरी का भी रखा गया पूरा ध्यान
- मंदिर समिति ने सैनिटाइजर से लेकर साफ-सफाई तक का रखा था पूरा इंतजाम
- गया से आए सनातनी विद्वानों ने कराया कलश पूजन, कुल पुरोहित आचार्य कुंदन पाठक ने किया नेतृत्व
औरंगाबाद, संवाददाता
बिहार के औरंगाबाद जिला स्थित जोकहरी गांव में निर्मित भव्य सूर्यकुल शिव मंदिर की शोभा यात्रा शुक्रवार की सुबह बाजे-गाजे के साथ निकली। मंदिर समिति और ग्रामीणों ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सरकार की तरफ से जारी सभी दिशा निर्देशों का पालन किया। कलश उठाने वाले सभी श्रद्धालु फेस मास्क में नजर आए। यही नहीं सभी ने शारीरिक दूरी का भी पूरा ध्यान रखा। समिति और स्वयंसेवकों की तरफ से किए गए प्रबंधों और बरती गई एहतियातों की पूरे क्षेत्र में प्रशंसा हो रही है।
सूर्यकुल शिव मंदिर समिति के सदस्यों ने बताया कि शोभा यात्रा मंदिर परिसर से सुबह करीब आठ बजे निकली। सबसे पहले सभी श्रद्धालु गांव के देवी मंदिर में पहुंचे। वहां पूजा-अर्चना के बाद पुरखों की पूजा हुई और श्रद्धालु शारीरिक दूरी का ध्यान रखते हुए कतारबद्ध होकर पवित्र पुनपुन-बटाने संगम पहुंचे। गांव से संगम स्थल की दूरी करीब पांच किलोमीटर है। संगम स्थल पर श्रद्धालुओं के लिए शर्बत आदि की व्यवस्था थी। कुल पुरोहित आचार्य कुंदन पाठक ने मंत्रोच्चार के साथ जलभरी की विधि संपन्न कराई। इसके बाद गाजे-बाजे के साथ शोभा यात्रा गांव के लिए रवाना हुई। शोभा यात्रा के आगे विशाल धर्म ध्वज लिए उत्साही युवा यतो धर्म ततो जय का उद्घोष कर रहे थे। जय भोलेनाथ व हर हर महादेव के नारों से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो गया।
शोभा यात्रा में शामिल श्रद्धालु भजन-गीत गाते हुए गांव स्थित मंदिर परिसर में पहुंचे। वहां पुरोहित आचार्य पाठक ने कलश घटों को पूजन वेदी के पास स्थापित करवाया। शनिवार यानी 24 अप्रैल, 2021 को जलाधिवास, फूलाधिवास व नगर भ्रमण कार्यक्रम है, जबकि रविवार 25 अप्रैल को प्राण प्रतिष्ठा व भंडारे का आयोजन किया जाएगा। मंदिर समिति ने सभी श्रद्धालुओं से कोविड नियमों का पालन करते हुए आयोजन में सहयोग की अपील की है।
- शोभायात्रा का असंपादित वीडियो यहां देखें…