तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। कोरोना संकट के बीच किसान 26 नवंबर 2020 से दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन इस मसले का कोई हल नहीं निकल सका है। अब किसान नेता राकेश टिकैत ने प्रदर्शन कर रहे किसानों को भी कोरोना का टीका लगवाए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि वह भी टीका लगवाना चाहते हैं। उन्होंने प्रदर्शनकारी किसानों और जेल में बंद कैदियों को भी टीका लगाना चाहिए। टिकैत के इस बयान का मतलब निकाला जा रहा है कि वह प्रदर्शन स्थल पर ही टीकाकरण अभियान चलाने की मांग रखी है। टिकैत अभी गाजीपुर बॉर्डर पर डटे हैं।
आपको बता दें कि तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं। किसानों ने प्रमुख रूप से पंजाब और हरियाणा के किसान यूनियनों के बैनर तले मोर्चा खोल रखा है। राकेश टिकैत के अलावा केकेयू (KKU) यानी क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष एवं एआईकेएससीसी (AIKSCC) यानी ऑल इंडिया किसान संघर्ष को-ऑर्डिनेशन कमिटी की कार्यकारी समिति के सदस्य दर्शनल पाल, अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह, किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव श्रवण सिंह पंढेर, किसान मजदूर संघर्ष समिति एवं पंजाब किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू, ऑल इंडिया किसान फेडरेशन के अध्यक्ष प्रेम सिंह भंगू, स्वार इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव और किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी जैसे नेता इन आंदोलनों का नेतृत्व कर रहे हैं।
भारत में 16 जनवरी को कोरोना टीकाकरण की शुरुआत की गई थी। इसके पहले चरण पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों एवं अग्रिम मोर्चों पर तैनात लोगों को कोविड-19 वैक्सीन दी गई। वहीं एक मार्च से टीकाकरण का दूसरा चरण में बीमारियों से ग्रस्त 45 से 59 वर्ष के लोगों को वैक्सीन दी जा रही है। वैसे अब अलग-अलग समूहों ने अपने लिए वैक्सीन की मांग करने लगे हैं। इस को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गई है।