संवाददाताः कपिल भारद्वाज
चढ़ीगढ़ः हरियाणा में सियासी पारी गर्म है। कांग्रेस किसान आंदोलन के कारण सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान कर चुकी है। इसके लिए पार्टी ने विधायकों को व्हिप जारी कर दिया है। वहीं बीजेपी तथा जननायक जनता पार्टी ने अब अपने विधायकों को व्हिप जारी कर आज सुबह से शाम तक सदन में मौजूद रहने को कहा है। इस बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल बुधवार को अपना दूसरा बजट पेश करेंगे।
कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव के जरिए जाट किसानों को बताना चहाती हैं कि कांग्रेस उनकी पक्षधर है। दुष्यंत चौटाला उनका साथ नहीं दे रहे हैं। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि कि सत्ता की लालची जननायक जनता पार्टी का बीजेपी भक्त और किसान विरोधी चेहरा सबके सामने है। उन्होंने कहा कि जननायक जनता पार्टी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मेरी अपील है कि वे किसान आंदोलन का साथ दें और मोदी भक्ति में लीन पार्टी को तुरंत छोड़ें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पूरी तरह से किसानों के साथ है और बड़े से बड़ा बलिदान करने से पीछे नहीं हटेगी।
उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने हालात की गंभीरता को भांपते हुए सेशन के बाद अपने सभी विधायको को डिनर पर बुलाया। सदन में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान खट्टर से ज्यादा दुष्यंत चौटाला की परीक्षा का पल है।
अब आबको बताते हैं हरिणाया विधानसभा का गणित। हरियाणा विधानसभा में विधायकों की कुळ संख्या 90 हैं। इसमें से ऐलनाबाद से विधायक अभय चौटाला ने हाल में किसान आंदोलन के समर्थन में इस्तीफा दे दिया था। वहीं पंचकूला जिले की कालका सीट से विधायक को हिमाचल प्रदेश की कोर्ट से सजा सुनाए जाने के बाद अपना पद गंवाना पड़ा। इस तरह से मौजूदा मौजूदा समय में हरियाणा विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या 88 रह गई है।
सदन में सरकार को बहुमत साबित करने के लिए 44 विधायकों की जरूरत है। इनमें से बीजेपी के 40, जबकि 10 विधायक जननायक जनता पार्टी के हैं। इस तरह से सरकार के पास बहुतम है। इसके साथ ही पांच निर्दलीय विधायक भी सरकार का साथ दे रहे हैं।
उधर, कांग्रेस कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं। हाल में सरकार से अपना समर्थन वापस लेने वाले निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू भी कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं। ऐसे में कुल विधायकों की संख्या 32 हो गई है। अब यदि कांग्रेस अविश्वास प्रस्तान के दौरान दुष्यंत चौटाल के जननायक जनता पार्टी के विधायकों को अपनी ओर खींच पाने में कामयाब हो जाती है, तो प्रदेश की खटर सरकार गिरने की संभावना है, लेकिन यह काम इतना आसान नहीं है। प्रदेश के मंत्री अनिल विज ने कहा है कि कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव विधानसभा में चारों खाने चित्त होकर गिरे जाएगा।