विवादित वेब सीरीज तांडव के मामले में उच्चतम न्यायालय ने अमेजन प्राइम वीडियो की इंडिया हेड अपर्णा पुरोहित को गिरफ्तारी की गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने जांच में सहयोग करने का आदेश दिया है।
आपको बता दें कि तांडव में विवादित दृश्य को लेकर यूपी की राजधानी लखनऊ में दर्ज प्राथमिकी (FIR) में अपर्णा का भी नाम है। इसको लेकर अपर्णा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दायर की थी, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया था। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने शुक्रवार को अपर्णा की अर्जी पर सुनवाई करते हुए उन्हें प्रोटेक्शन दे दिया तथा इस मामले में यूपी सरकार से जवाब मांगा है।
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ओटीटी (OTT) यानी ओवर द टॉप प्लेटफॉर्म्स के लिए नई गाइडलाइंस बनाने को लेकर केंद्र सरकार प्रति नाराजगी जाहिर की और कहा कि इन गाइडलाइंस में कोई दम नहीं है, क्योंकि इनमें मुकदमा चलाने का प्रोविजन नहीं है। कोर्ट ने कहा कि OTT प्लेटफॉर्म्स को कंट्रोल करने के लिए गाइडलाइन की बजाय कानून बनाना चाहिए।
वहीं सरकार की ओर से कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार सही कदम उठाने पर विचार करेगी। सरकार डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के लिए किसी भी रेगुलेशन के बारे में कोर्ट को जानकारी देगी।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा था कि OTT प्लेटफॉर्म्स पर जो भी कंटेंट दिखाया जाता है, उसकी स्क्रीनिंग होनी चाहिए, क्योंकि कुछ प्लेटफॉर्म्स पर तो पोर्नोग्राफी भी दिखाई जा रही है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से सोशल मीडिया और ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स को रेगुलेट करने के लिए बनी नई गाइडलाइन की कॉपी भी मांगी थी।
आपको बता दें कि बॉलीवुड सैफ अली खान, मोहम्मद जीशान अयूब और डिंपल कपाड़िया स्टारर वेब सीरीज तांडव जनवरी में अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई थी। सीरीज के कई दृश्यों पर आपत्तियां जताई गई थीं। वेब सीरीज में हिंदू-देवी देवताओं के अपमान, पुलिस की गलत छवि दिखाने और प्रधानमंत्री जैसे संवैधानिक पद की गरिमा से खिलवाड़ के आरोप लगे थे।