मुंबई.कांग्रेस ने मुंबई के सभी 94 पुलिस थानों में अर्नब गोस्वामी के खिलाफ शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। ये शिकायतें मुंबई कांग्रेस की ओर से बुधवार को दर्ज कराई गई हैं। यह शिकायत अर्नब गोस्वामी और बार्क के पूर्व सीईओ पार्थोदास गुप्ता के बीच हुई बातचीत का वॉट्सऐप चैट लीक होने के बाद दर्ज कराई गई है। इस चैट में 2019 में वायुसेना ने बालाकोट में जो एयर स्ट्राइक की थी उसकी चर्चा की गई थी।
देखा जाए तो पत्रकार अर्णब गोस्वामी की वॉट्सऐप चैट कांड के बाद से दुनिया भर में दो सवालों पर बहस छिड़ गयी है, आखिर कमजोर कौन है? व्हाट्सएप की वह पुख्ता दावेदारी जिसमें वो शत-प्रतिशत गोपनीयता बनाये रखने का दम भरता आ रहा था या फिर वे हिंदुस्तानी एजेंसियां जिनके अभेद्य किले को, एक अदद पत्रकार ने तार-तार कर डाला। इस मुद्दे पर जितने मुंह उतनी बातें सामने आ रही है। कुछ लोग इस सबके लिए व्हाट्सएप को झूठा-मक्कार दगाबाज करार दे रहे हैं। कुछ लोग ऐसी पत्रकारिता को पानी पी-पी कर कोस रहे हैं, जो देश को दांव पर लगा दे।
इस लिहाज से रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है। शिवसेना के बाद कांग्रेस ने भी प्रहार शुरू कर दिया है। मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष भाई जगताप ने बताया कि वह स्वयं कार्याध्यक्ष चरणजीत सिंह सप्रा और महासचिव भूषण पाटील तथा संदेश कोंडविलकर के साथ मुंबई पुलिस आयुक्त परमवीर सिंह से मिले और अर्नब के खिलाफ शिकायत की लिखित अर्जी दी। उनके अनुसार, अर्नब गोस्वामी को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून 1980 और ऑफिशल सीक्रेट ऐक्ट 1923 के तहत तत्काल गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उनके अनुसार, पुलिस आयुक्त ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि कानूनी प्रावधानों के तहत अर्नब गोस्वामी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। चार्जशीट में 14 अन्य लोगों को नाम भी शामिल किए गए हैं।
पाकिस्तान चुटकी ले रहा है। वो दुनिया भर में गाता घूम रहा है कि, देखो कैसे भारत टेररिज्म को बढ़ावा देता है। 1974 बैच के पूर्व आईपीएस अधिकारी और उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ. विक्रम सिंह, पत्रकार अर्णब गोस्वामी के व्हाट्सएप चैट लीक कांड को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हैं। उन्होंने कहा, “इस मामले ने हिंदुस्तान की सुरक्षा दांव पर लगा दी है। सिर्फ अर्णब को घेरने से काम नहीं चलेगा। वो तो पत्रकार है। उसका काम ही ऐसा है। हांलांकि, मेरे कहने का यहां यह मतलब कतई नहीं है कि, अर्णब गोस्वामी का इस घिनौने कांड में कोई पाप या जिम्मेदारी नहीं है। अर्णब से पहले मगर हमें हिंदुस्तानी हुकूमत के ढीले इंतजामों पर भी सोचना चाहिए।