Yogendra Yadav-Rakesh Tikait
फाइल फोटो
गणतंत्र दिवस पर दिल्ली की सड़कों जो कुछ भी हुआ निंदा हो रही है. इस हिंसा से साफ हो गया कि दंगा करने वाले किसान नहीं हो सकते. इस हिंसा ने समूचे किसान आंदोलन पर सवाल खड़े किए तो किसान संगठनों ने कहा कि हिंसा फैलाने वालों से उनका कोई लेना-देना नहीं है. किसान नेताओं ने कहा कि जिन लोगों ने हिंसी की उसे पुलिस चिंहित करके जांच करे. अब दिल्ली पुलिस ने भी किसान नेताओं को खिलाफ कानूनी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है.
जानकारी के मुताबिक राकेश टिकैत-योगेंद्र यादव सहित 40 नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. इन पर पुलिस के साथ हुए एनओसी के करार को तोड़ने का आरोप है. ये सब वही किसान नेता हैं जो सरकार से बातचीत के लिए विज्ञान भवन में जाते थे और अब आरोप लग रहा कि दिल्ली में जो हिंसा हुई उसके पीछे इन्हीं लोगों का हाथ था.
बता दें कि किसानों के नाम पर गणतंत्र दिवस पर तांडव मचाने वाले दंगाइयों पर अब दिल्ली पुलिस ने बढ़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने 200 उपद्रवियों को हिरासत में लिया है. हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाओं पर अब तक 22 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं. पुलिस ने बताया कि डकैती और जानलेवा हमले की धाराओं के तहत केस दर्ज किए गए हैं. मामले की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है.

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