जयपुर. काली कमाई और अघोषित संपत्ति का एक ऐसा मामला जयपुर में सामने आया है, जिसे जानकर आप भी चौंक जाएंगे। दरअसल, आयकर विभाग को पता चला था कि चौरड़िया ग्रुप, गोकुल ग्रुप और सिल्वर ग्रुप के धंधे पाक-साफ नहीं। कोड पर आधारित काम करने की भी जानकारी मिली। इससे शक हुआ कि मामले में कुछ गड़बड़ी है।
योजना के अनुसार, विभाग ने छापामार कार्रवाई की, तो करीब 1400 करोड़ रुपए की अघोषित आय उजागर हुई है। इस कार्रवाई में चौंकाने वाली बात ये रही कि ज्वेलरी व्यवसायी के घर पर आयकर विभाग को एक सुरंगनुमा तहखाना मिला है, जिसमें 15 बोरों में आर्ट ज्वेलरी व एंटीक सामान और लेनदेन व संपत्तियों के दस्तावेज मिले हैं। तीनों के ही यहां अपने मुख्य व्यापार के अलावा बड़े पैमाने पर नकद कर्ज देकर सूद के जरिये कमाई करने के भी सबूत मिले हैं।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के मुताबिक, सर्राफा फर्म अपनी अघोषित आय को कर्मचारियों के बैंक खातों के जरिये इधर से उधर घुमा रही थी। शुरुआती पूछताछ में पहले तो किसी भी स्टॉक रजिस्टर के होने से मना कर दिया। जांच टीम को मगर विश्वास नहीं हो रहा था। इसलिए तलाशी अभियान शुरू हुई। टीम यह देख आवाक रह गई कि घर में ही सुरंग बना हुआ था। वहां बहुत सारे सामान रखे हुए थे। सभी सामानों पर अल्फा-न्यूमेरिक सीक्रेट कोड में वास्तविक बिक्री मूल्य लिखा था। टीम कोड को क्रैक करने पर काम कर रही है। सुरंग के अन्दर से दो हार्ड-डिस्क और पेन-ड्राइव भी मिलीं हैं। जिनमें कोड के रूप में विभिन्न वस्तुओं का विवरण था। कुल 15 बोरों में ये सामान रखे गए थे। सोने और चांदी के आभूषण, एंटीक सामान, आर्ट ज्वेलरी के अलावा बेनामी संपत्ति से संबंधित दस्तावेज भी मिले हैं।
सर्राफा फर्म के यहां करीब 122.67 करोड़ रुपये के नकद कर्ज देने समेत कुल 525 करोड़ रुपये की अघोषित आय के सबूत मिले तो कामर्शियल सेंटरों का निर्माण करने वाले दूसरे रियल एस्टेट समूह के यहां 19 करोड़ रुपये सूद पर देने के अलावा कुल 225 करोड़ रुपये की अघोषित आय के दस्तावेज जब्त किए गए हैं। सूत्रों के अनुसार, 2018-19 में बिना टैक्स दिए खरीदी 100 करोड़ की प्रॉपर्टी भी जाचं के दायरे में है। बड़ी संख्या में अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों के नाम से जमीन खरीदने के सबूत भी हाथ लगे हैं। विभाग कंपनी की रॉयल रेजिडेंसी, रॉयल एनक्लेव, गोकुल आंगन, रॉयल ग्रीन सिटी प्रोजेक्टो की जांच कर रहा है। इसके साथ ही छापों में रमेश मनिहार के नाम से 122 करोड़ कैश लेनदेन के दस्तावेज जब्त किए गए हैं। बड़े पैमाने पर नकदी, ज्वैलरी, बैंक लॉकर, फिक्स्ड डिपॉजिट और शेयर ट्रांजैक्शंस के दस्तावेज़ भी आयकर विभाग की टीम को मिले है। सिल्वर ऑर्ट ग्रुप की ओर से कोड वर्ड से किए गये बेनामी कारोबार की भी जांच विभागीय अधिकारी कर रहे हैं। जब्त डायरियां भी कई राज खोल सकती हैं।