श्रीनगर : जम्मू- कश्मीर में भारी बारिश, स्नोफॉल, लैंडस्लाइड और बाढ़ ने तबाही मचाई है। प्राकृतिक आपदा के कारण कई लोग बेघर हो गए हैं। फसलें बर्बाद हो गई हैं। घाटी के मैदानी इलाकों सहित अन्य हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है। उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा जिले में तुलैल और गुरेज, और दक्षिण कश्मीर में सिंथन टॉप पर रात भर ताज़ा बर्फ गिरी।
अधिकारियों ने बताया कि मध्यम बर्फबारी के कारण गुरेज-बांदीपोरा रोड को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। खराब मौसम के कारण फ्लाइट्स डायवर्ट कर दी गई हैं। कई इलाकों से संपर्क टूट गया है।लगातार बर्फबारी और खराब मौसम के कारण तुलैल में कक्षा 08 तक और गुरेज में कक्षा 05 तक के स्कूलों को बंद कर दिया गया है। श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर ज़ोजी ला और मुगल रोड जैसे ऊंचे इलाकों में भी ताज़ा बर्फबारी हुई। मुगल रोड घाटी को जम्मू से जोड़ने वाला वैकल्पिक मार्ग है। बर्फबारी के कारण दोनों सड़कों पर यातायात रोक दिया गया है।
सबसे ज्यादा तबाही रामबन जिले में हुई है। भारी बारिश के कारण अचानक बाढ़ आ गई जिसके बाद 100 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। लगातार बारिश के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर नाशरी और बनिहाल के बीच करीब एक दर्जन स्थानों पर भूस्खलन और मिट्टी धंसने की घटनाएं हुईं जिनके कारण यातायात को रोक दिया गया।
धर्म कुंड गांव में अचानक आई बाढ़ के कारण करीब 40 मकान क्षतिग्रस्त हो गए। अधिकारियों ने बताया कि बादल फटने और लगातार बारिश के बावजूद पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और उन्होंने फंसे हुए 100 से अधिक ग्रामीणों को बचाया। उन्होंने बताया कि एक जलाशय के उफान पर होने के कारण कई वाहन बह गए।
यातायात विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि नाशरी और बनिहाल के बीच कई स्थानों पर भूस्खलन, मिट्टी धंसने और पत्थर गिरने की घटनाओं के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर दोनों ओर से वाहनों की आवाजाही रोक दी गई है। उन्होंने बताया कि राजमार्ग पर बारिश जारी है और लोगों को मौसम में सुधार होने तथा सड़क साफ होने तक मुख्य सड़क पर यात्रा न करने की सलाह दी गई है।
लगातार बारिश ने बढ़ाई मुसीबत
श्रीनगर सहित घाटी के अधिकांश हिस्सों में व्यापक बारिश हुई। कई इलाकों में रात के दौरान गरज के साथ तेज़ हवाएं चलीं। कुछ इलाकों में ओलावृष्टि हुई जिससे बागों में फसलों को नुकसान पहुंचा है। मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि ज्यादातर जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश या बर्फबारी हो सकती है। कुछ इलाकों में गरज और तेज़ हवाओं के साथ मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। यह सब रविवार शाम तक जारी रहने की संभावना है।
मौसम विभाग के मुताबिक सोमवार को आमतौर पर बादल छाए रहने के आसार हैं। कुछ जगहों पर हल्की बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। मौसम विभाग ने किसानों को सोमवार तक खेतों में काम रोकने की सलाह दी है। विभाग ने संवेदनशील इलाकों में भूस्खलन, मिट्टी धंसने या पत्थर गिरने की संभावना की चेतावनी दी है। गुरेज़-बांदीपोरा रोड को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है।
मौसम विभाग ने किसानों को सोमवार तक खेतों में कोई काम नहीं करने की सलाह दी है। मौसम विभाग ने यह भी चेतावनी दी है कि भूस्खलन, मिट्टी धंसने, या पत्थर गिरने का खतरा है, इसलिए लोगों को सावधान रहने की जरूरत है।
किश्तवाड़ जिले में भूस्खलन के खतरे के मद्देनजर कम से कम 22 परिवारों को एहतियाती तौर पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। प्रसिद्ध मचैल माता मंदिर को जोड़ने वाले किश्तवाड़-पेडर मार्ग भी शनिवार को लगातार तीसरे दिन यातायात के लिए बंद रखा गया। जिला विकास आयुक्त राजेश कुमार शवन ने किश्तवाड़-पेडर रोड के साथ सिंगराह नाला, पथरनाकी में भूस्खलन संभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया।
नागसिनी के तहसीलदार मोहम्मद रफी नाइक ने बताया कि जमीन धंसने की वजह से सड़क का 200 मीटर से अधिक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। पहाड़ी से लगातार गिर रहे पत्थरों के कारण सड़क साफ करने के काम में बाधा आ रही है।
कश्मीर घाटी में खराब मौसम के कारण हवाई यातायात पर असर पड़ा और श्रीनगर हवाई अड्डे पर छह उड़ानें रद्द कर दी गईं। कोलकाता और दिल्ली से आने वाली इंडिगो की तीन उड़ानें रद्द कर दी गईं जिसके परिणामस्वरूप उनकी प्रस्थान उड़ानें भी रद्द की गईं। खराब मौसम के कारण इंडिगो ने श्रीनगर से जम्मू जाने वाली उड़ान भी रद्द कर दी। स्पाइसजेट ने शाम को जाने वाली दो उड़ानें रद्द कर दीं। आकाशीय बिजली गिरने से एक महिला समेत दो लोगों की मौत हो गई जबकि एक महिला घायल हो गई।
उधमपुपुर से सांसद एवं केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर बताया कि बीती रात रामबन क्षेत्र में भारी ओलों की बारिश, तेज हवाएं और कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ था। इस प्राकृतिक आपदा से राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया है और दुर्भाग्यवश तीन लोगों की मौत हो गई है, जबकि कुछ परिवारों को संपत्ति का नुकसान हुआ है।
डॉ. सिंह ने कहा कि वे रामबन के उपायुक्त बसीर-उल-हक चौधरी से संपर्क में हैं और जिला प्रशासन की तत्परता और सराहनीय कार्रवाई की प्रशंसा की, जिसने कई जानें बचाईं। साथ ही, उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रभावित परिवारों को सभी प्रकार की सहायता दी जा रही है, चाहे वह आर्थिक हो या कुछ भी हो। यदि जरूरत पड़ी तो सांसद निधि से व्यक्तिगत रूप से भी सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने लोगों को डरने की बजाय धैर्य रखने और संयम बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर इस आपदा से पार पाएंगे।