‘ट्रंप कार्ड’ नहीं, अब ‘मेक अमेरिका वन’…बाइडेन ने कई अहम फैसलों पर लगाई मुहर

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वॉशिंगटन. डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जो बाइडेन अमेरिका के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति बन गये हैं।78 वर्षीय बाइडेन ने बुधवार को अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। शपथ लेने के बाद बाइडेन ने कहा, ‘आज का दिन अमेरिका का है। यह लोकतंत्र का दिन है। यह इतिहास और आशा का दिन है। आज हम एक उम्मीदवार की जीत का नहीं, बल्कि एक उद्देश्य की, लोकतंत्र के उद्देश्य की जीत का उत्सव मना रहे हैं। जनता की इच्छाओं को सुना और समझा गया है। श्वेतों को श्रेष्ठ मानने की मानसिकता, घरेलू आतंकवाद को हम हराएंगे। मैं चाहता हूं कि प्रत्येक अमेरिकी हमारी इस लड़ाई में शामिल हो।’

राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि हमने जिंदगी में बहुत सारी चुनौतियां देखी है। अमेरिका में सबको सम्मान मिलेगा। अमेरिका की सेना सशक्त है, हर चुनौती के लिए तैयार है। मैं अमेरिका के सभी लोगों का राष्ट्रपति हूं। मैं उनका भी राष्ट्रपति हूं जिन्होंने मुझे वोट नहीं दिया। मैं सबकी तरक्की और सबकी रक्षा के लिए हूं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि आज हम एक उम्मीदवार की नहीं बल्कि लोकतंत्र की जीत का जश्न मना रहे हैं। लोगों को सुना गया है। हमने फिर से सीखा है कि लोकतंत्र अनमोल है, लोकतंत्र प्रबल है। जो बाइडेन ने कहा कि मुझे पता है कि हमें विभाजित करने वाली ताकतें गहरी हैं और वे वास्तविक हैं,लेकिन मुझे ये भी पता है कि वो नई नहीं हैं। हमारा इतिहास एक निरंतर संघर्ष रहा है।

जो बाइडेन ने ‘मेक अमेरिका वन अगेन’ संदेश देते हुए अपने कार्यकाल की शुरुआत की। बाइडेन ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में अश्वेत युवा कवि अमांडा गॉर्मन को मौका देकर न केवल अमेरिका की एकजुटता का संदेश दिया बल्कि डोनाल्ड ट्रंप की बंटवारे वाली नीतियों को भी करारा जवाब दिया। अमांडा राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में कविता सुनाने वाली सबसे युवा कवयित्री हो गई हैं। अपनी कविता में अमांडा ने खुद को एक अश्वेत लड़की करार दिया जिसे उसकी मां ने पाला है। उन्होंने कहा कि मैं इस देश में राष्ट्रपति बनने का भी सपना देख सकती हूं। उन्होंने कहा, ‘मैं समझती हूं कि यह अमेरिका के इतिहास में एक नया अध्याय है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी अपने भाषण में एकजुटता बढ़ाने पर जोर दिया।

डोनाल्ड ट्रंप की विदाई और बतौर राष्ट्रपति डमोक्रेटिक पार्टी के नेता जो बाइडेन की शपथ का दुनिया भर में स्वागत किया गया है। बतौर राष्ट्रपति जो बाइडेन अपने कार्यकाल के पहले दिन कई अहम फैसले करने वाले हैं। वे कई मुस्लिम बहुल देशों के लोगों के अमेरिका में प्रवेश पर लगाई गई ट्रंप की पाबंदी को हटाएंगे और साथ ही अमेरिका-मैक्सिको सीमा पर बन रही दीवार के निर्माण पर रोक लगाएंगे। वे शपथ लेने के बाद पेरिस जलवायु समझौते और विश्व स्वास्थ्य संगठन से अमेरिका को फिर से जोड़ेंगे। बताया जा रहा है कि बाइडेन शपथ लेने के बाद 17 आदेशों पर दस्तखत करेंगे। वे पिछले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मुकाबले आव्रजन, पर्यावरण, कोविड-19 के खिलाफ जंग और अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दों पर अलग राह अख्तियार करेंगे।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन सत्ता संभालते ही ऐक्शन में आ गए हैं। बाइडेन ने एक के बाद कई कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर करके अपने पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप के कई फैसलों को पलट दिया है। इसी बीच बाइडेन ने प्रवासियों को राहत देने वाले एक कार्यकारी आदेश पर भी हस्ताक्षर किया है। इस आदेश से 1.1 करोड़ ऐसे प्रवासियों को फायदा होगा जिनके पास कोई कानूनी दस्तावेज नहीं है। इसमें करीब 5 लाख लोग भारतीय हैं।

जो बाइडेन ने शपथ लेने के बाद सबसे पहले आव्रजन प्रणाली को पूरी तरह से बदलने की शुरुआत की। उन्होंने अपने आदेशों के तहत कई ऐसे दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए जो ट्रंप की विवादास्पद आव्रजन नीतियों को बदलने वाले हैं।

बाइडेन ने ट्रंप के फैसले को पलटते हुए मुस्लिमों पर से बैन को हटा लिया है। वर्ष 2017 में ट्रंप ने सात मुस्लिम बहुल देशों पर यह बैन लगाया था। बाइडेन ने इन देशों के लोगों के लिए वीजा प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है। साथ ही कहा कि ये प्रयास किए जाएं कि जिन लोगों को इससे नुकसान हुआ है, उनकी भरपाई की जा सके।

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