तीन नए केंद्रीय कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है। कड़ाके की सर्दी के बावजूद किसान पिछले 56 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। इस बीत सरकार तथा किसानों के बीत आज दोपहर दो बजे इस मुद्दे पर 11वें दौर की वार्ता होगी। आपको बता दें कि सरकार तथा किसानों के बीच हुई 10 दौर की बैठकों में से 9 बेनतीजा रही हैं। किसान जहां तीनों कृषि कानून रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। वहीं सरकार का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने कानूनों के अमल पर रोक लगा दी है। ऐसे में किसानों को अब इसके अलावा दूसरी मांगों पर बातचीत करनी चाहिए।
उधर, सुप्रीम कोर्ट आज इस मुद्दे पर सुनवाई करेगा कि किसानों को 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे या नहीं। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हे सोमवार को कोर्ट ने कहा था कि किसानों को दिल्ली में एंट्री दी जाए या नहीं, यह पुलिस ही तय करेगी, क्योंकि यह कानून-व्यवस्था से जुड़ा मुद्दा है।
वहीं नए कृषि कानूनों के मुद्दे पर समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित समिति तीन सदस्यों की मंगलवार को यहां बैठक हुई, जिसमें आगे की प्रक्रिया, कब-कब मीटिंग करेंगे, कैसे सुझाव लेंगे और रिपोर्ट तैयार करने पर विचार किया गया। अब समिति 21 जनवरी को समिति किसान संगठनों के साथ बैठक करेगी। यदि किसान समिति के बुलावे पर नहीं आएंगे, तो समिति के सदस्य उनसे मिलने भी जाएंगे। समिति ने इस मुद्दे पर ऑनलाइन सुझाव लेने के लिए पोर्टल बनाया गया है, जिस पर 15 मार्च तक किसानों के सुझाव लिए जाएंगे। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने चार सदस्यी समिति का गठन किया था, लेकिन एक सदस्य ने इससे इस्तीफा दे दिया था।
किसानों के समर्थन में प्रमुख सामाज सेवी अन्ना हजारे ने 30 जनवरी से रामलीला मैदान में भूख हड़ताल शुरू करने का ऐलान किया है। वहीं केंद्र सरकार के निर्देश पर महाराष्ट्र बीजेपी ने पूर्व कृषि मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल को अन्ना को मनाने का जिम्मा सौंपा है। विखे पाटिल का प्रभाव क्षेत्र महाराष्ट्र के अहमदनगर का वह इलाका माना जाता है, जहां अन्ना का गांव रालेगण सिद्धि है।