केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान संगठनों की मोदी सरकार से सात दौर की वार्ता हो चुकी है। अगले दौर की बातचीत आठ जनवरी को होनी है। ऐसे में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमरने कहा है कि मुझे विश्वास है कि विरोध करने वाले संगठन कृषि सुधार कानूनों के पीछे की भावनाओं को समझेंगे और किसानों के हितों पर ध्यान केंद्रित करेंगे और रचनात्मक बातचीत के माध्यम से समाधान तक पहुंचने में हमारी सहायता करेंगे।
तोमर ने बुधवार (6 जनवरी) को कहा कि देश भर से बड़ी संख्या में किसान तीन कृषि कानूनों के समर्थन में सामने आ रहे हैं। साथ ही मंत्री ने प्रदर्शनकारी किसान संघों से तीनों कानूनों के जरिये सुधारों की भावनाओं को समझने का आग्रह किया। तोमर ने विश्वास जताया कि प्रदर्शनकारी संघ किसानों के हितों पर ध्यान केंद्रित करेंगे और रचनात्मक बातचीत के जरिए किसी समाधान पर पहुंचने में सरकार की सहायता करेंगे मदद करेंगे।
कानूनों का समर्थन करने वाले एक समूह के साथ बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए तोमर ने कहा कि सरकार देश के किसानों और उनके हितों के प्रति प्रतिबद्ध है। मंत्री ने कहा, ‘हम उन किसानों से मिल रहे हैं जो तीन कानूनों के समर्थन में आ रहे हैं। साथ में अधिनियमों का विरोध करने वालों के साथ वार्ता जारी रखे हुए हैं।’ तोमर ने कहा, ‘पूरे देश से बड़ी संख्या में किसान कानूनों के समर्थन में आ रहे हैं। हम उनसे मिल रहे हैं और उनके पत्र भी मिल रहे हैं और फोन भी आ रहे हैं। हम उनका स्वागत करते हैं और आभार व्यक्त करते हैं।’
आपको बता दें कि प्रदर्शनकारी किसानों ने अपनी प्रमुख मांगे नहीं माने जाने पर आंदोलन तेज करने की धमकी दी है। उनकी प्रमुख मांगों में तीनों कानूनों को निरस्त करना और एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी शामिल है।