दिल्लीः तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन जारी है। कड़ाके की सर्दी तथा कोरोना संकट के बीच देशभर के किसान गत 32 दिन से दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान संगठन नए कृषि कानूनों की वापस की मांग पर अड़े हुए हैं। किसानों का कहना है कि सरकार को इन कानूनों का वापस लेना पड़ेगा, वे इनमें किसी भी तरह के संशोधन के लिए तैयार नहीं हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज आकाशवाणी तथा दूरदर्शन के माध्यम से देश की जनता से मन की बात करेंगे। मोदी की मन की बात का यह इस साल का आखिरी कार्यक्रम है। वहीं पीएम मन की बात कार्यक्रम में जितने समय तक बोलेंगे, किसान उतने समय तक ताली-थाली बजाकर अपना विरोध जताएंगे। किसानों ने देश की जनता से भी ताली-थाली बजाकर विरोध जताने की अपील की है।
उधर, सरकार के आमंत्रण पर किसान बातचीत करने के लिए तैयार हो गए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने तय किया है कि सरकार से फिर से बातचीत शुरू की जाएगी। मीटिंग के बाद किसान संगठन ने बातचीत के लिए 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे का समय निर्धारित किया है, लेकिन इसके लिए चार शर्तें रखी दी है।
किसानों की ओर से सरकार को जो चिट्ठी लिखी है, उसमें कहा कि सरकार को पिछली बैठकों के बारे में गलत जानकारी न फैलाए। सरकार की पूरी मशीनरी ने किसान आंदोलन को बदनाम करने की जो मुहिम छेड़ रखी है, उसे तुरंत बंद करे।
वहीं आंदोलन के बीच पीएम मोदी सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 100वीं किसान ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। यह कार्गो ट्रेन महाराष्ट्र के संगोला से पश्चिम बंगाल के शालीमार जाएगी। यह मल्टी-कमोडिटी ट्रेन फूलगोभी, शिमला मिर्च, गोभी, मुनगा, मिर्च और प्याज के साथ ही अंगूर, संतरा, अनार, केला, सेब आदि लेकर रवाना होगी। पीएमओ यानी प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से इस बारे में जानकारी दी गई है।