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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार जम्मू-कश्मीर के बहाने पश्चिम बंगाल की सरकार तथा कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने आज केंद्र शासित प्रदेश को बड़ी सौगात देते हुए आयुष्मान भारत ‘पीएम-जय सेहत’ योजना लॉन्च की। इस योजना में जम्मू-कश्मीर के सभी परिवारों को पांच लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस कवर मिलेगा। मोदी ने इस कार्यक्रम में लोकतंत्र, कश्मीर के विकास पर बात की तथा विरोधियों को आड़े हाथों लिया।

पीएम मोदी ने कहा कि यह कार्ड सिर्फ जम्मू-कश्मीर के अस्पतालों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इस योजना के तहत देशभर के जो हजारों अस्पताल जुड़े हैं, वहां भी ये सुविधा आपको मिल मिलेगी। उन्होंने कहा कि मान लीजिए कि मुंबई गए हैं और अचानक जरूरत पड़ी तो ये कार्ड आपको मुंबई में भी काम आएगा। चेन्नई में भी ये कार्ड काम आएगा। वहां के अस्पताल भी आपकी मुफ्त सेवा करेंगे, लेकिन आप कोलकाता गए हैं, तो वहां मुश्किल होगी, क्योंकि वहां की सरकार आयुष्मान योजना से नहीं जुड़ी है। कुछ लोग ऐसे ही होते हैं, क्या करें!

उन्होंने जम्मू-कश्मीर में हुए डीडीसी चुनावों का उल्लेख करते हुए कांग्रेस पर तंज कसा और कहा, “मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों को लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए भी बधाई देता हूं। डीडीसी के चुनाव ने एक नया अध्याय लिखा है।“ उन्होंने कहा कि जम्मू- कश्मीर के हर वोटर के चेहरे पर मुझे विकास के लिए, डेवलपमेंट के लिए एक उम्मीद नजर आई, उमंग नजर आई। प्रदेश के हर वोटर की आंखों में मैंने अतीत को पीछे छोड़ते हुए, बेहतर भविष्य का विश्वास देखा।

मोदी ने कहा कि दिल्ली में आज कल कुछ लोग मोदी को कोसते रहते हैं, मोदी को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाने में लगे हैं। इन चुनावों में जम्मू-कश्मीर के लोगों ने लोकतंत्र की जड़ों को और मजबूत किया है। जम्मू-कश्मीर के प्रशासन और सुरक्षाबलों ने जिस प्रकार से चुनाव का संचालन किया और सभी दलों की तरफ से ये चुनाव बहुत ही परदर्शी हुए।

उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कुछ राजनीतिक दलों की कथनी और करनी में कितना बड़ा फर्क है, लोकतंत्र के प्रति वो कितना गंभीर हैं, इस बात का पता इसी से चलता है कि कितने साल हो गए, पुडुचेरी में पंचायत चुनाव नहीं होने दिए जा रहे हैं।

पीएम ने कहा, “आप हैरान होंगे, सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में पंचायत चुनाव कराने का आदेश दिया था, लेकिन, वहां की सरकार इस मामले को लगातार टाल रही है। पुडुचेरी में दशकों के इंतजार के बाद साल 2006 में स्थानीय निकाय चुनाव हुए थे, जिसका कार्यकाल 2011 में ही खत्म हो चुका है।

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