दिल्लीः निजी कंपनी ने आपकी सिर्फ फसल ही खरीदी या जमीन भी ले ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपने कार्यक्रम में शामिल एक प्रतिभाग ने यह सवाल करके नए कृषि कानूनों को लेकर विपक्षी दलों पर वार किया। मोदी न अरुणाचल प्रदेश के गगन पेरिंग से जब यह सवाल किया, तो वह थोड़ा हैरान हुए। फिर संभलते हुए जवाब दिया कि ‘उत्‍पाद को ले जाने का एग्रीमेंट हुआ है, जमीन का नहीं। जमीन तो सुरक्षित है।’

मोदी ने आज 9 करोड़ किसानों के खातों में पीएम किसान यानी पीएम किसान सम्मान निधि की किश्त के तौर पर 18 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर किए। इसके बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किसानों को संबोधित किया और इसी दौरान अरुणाचल प्रदेश के गगन से यह सवाल किया। मोदी ने यह यह सवाल अनायास ही नहीं पूछा, बल्कि उन्होंने सोची समझी रणनीति के तहत गगन से यह किया तथा इसके जरिए विरोधियों को जवाब दिया। उन्होंने अपने कार्यक्रम में शामिल होने वाले किसानों से किसानों ने उन आशंकाओं को लेकर प्रश्न पूछा, जिनका जिक्र प्रदर्शनकारी किसान संगठन पिछले 30 दिनों से कर रहे हैं।

उन्होंने इस दौरान विशेष रूप से पश्चिम बंगाल का जिक्र किया और पूछा क‍ि वहां की ममता बनर्जी सरकार क्‍यों पीएम किसान योजना के लाभ से राज्‍य के किसानों को वंचित रखे हुए है। उन्‍होंने वाम दलों और दिल्‍ली की सीमाओं पर हो रहे आंदोलन पर भी निशाना साधा।

पीएम के इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह किशनगढ़ गांव, मेहरौल दिल्ली से जुड़े, जबकि नितिन गडकरी असम के सिलचर, गजेंद्र सिंह शेखावत राजस्थान के जैसलमेर, रविशंकर प्रसाद बिहार के पटना, वीके सिंह यूपी के गाजियाबाद से जुड़े थे।

पीएम मोदी के कार्यक्रम में अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, हरियाणा, तमिलनाडु तथा उत्तर प्रदेश से किसान शामिल हुए। इस दौरान मोदी करीब 80 मिनट बोले, जिनमें से 20 मिनट उन्होंने उन्हीं मुद्दों पर बात की, जिन्हें किसान आंदोलन में उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार किसान के साथ हर कदम पर खड़ी है। नए कानूनों के बाद किसान जहां चाहें और जहां सही दाम मिले, वहां अपनी उपज बेच सकते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग नए कृषि कानूनों को लेकर भ्रम फैला रहे हैं कि नए कानूनों से आपकी जमीन चली जाएगी। आप उनकी बातों में नहीं आएं। सुनिए मोदी का पूरा संबोधन

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