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संवाददाता

प्रखर प्रहरी

दिल्लीः कोरोना संकट तथा सर्द मौसम के बावजूद किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आदोलन आज 20वां दिन है। किसान अपनी मांगों को लेकर पीछे हटने को तैयार नहीं है। इस सलिसिले में किसान संगठनों के संयुक्त मोर्च की आज दोपहर तीन बजे बैठक होने वाली है। इस बैठक में किसान यूनियनों के नेता आंदोलन के लिए अगले एक हफ्ते तक की रणनीति बनाएंगे।

वहीं सरकार ने किसानों से बातचीत के लिए तैयार होने की बात कही है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने किसानों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की है और कहा है कि कुछ लोग प्रदर्शन का गलत इस्तेमाल कर किसानों को बहकाने का काम कर रहे हैं।  सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा कि किसानों को तीनों नए कृषि कानूनों को समझना चाहिए। सरकार किसानों के लिए समर्पित है और उनके सभी सुझाव मानने को तैयार है। हमारी सरकार किसानों के साथ किसी तरह की नाइंसाफी नहीं करेगी।

गड़करी ने कहा कि यदि बातचीत नहीं होगी तो दोनों तरफ गलत बातें पहुंचेंगी।  विवाद पैदा होगा और बहस बढ़ेगी। बातचीत के जरिए इस मुद्दे को सुलझाया जा सकेगा। सारी चीजें खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों को इंसाफ मिलेगी, उन्हें राहत मिलेगी। हम किसानों के हितों के लिए काम कर रहे हैं।

उन्होंने किसान आंदोलन में अन्ना हजारे के जुड़ने के मुद्दे पर कहा कि मुझे नहीं लगता कि अन्ना हजारे जी किसानों के आंदोलन से जुड़ेंगे। हमने किसानों के खिलाफ कुछ भी नहीं किया है। उन्होंने कहा कि यह किसानों का हक है कि वे अपने उत्पादों को मंडी में बेचें, व्यापारियों को बेचें या कहीं और बेचें।

आपको बता दें समाजसेवी अन्ना हजारे ने सरकार से किसानों की मांगों को मानने की अपील की थी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख कर स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें मंजूर करने का कहा था। साथ ही उन्होंने चेतानी दी थि कि यदि सरकार ने किसानों की मांगें नहीं मानी, तो वह किसानों के समर्थन में अनशन करेंगे।

इस बीच केंद्र कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि उत्तर प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, बिहार और हरियाणा के 10 किसान संगठनों ने नए कृषि कानूनों का समर्थन किया है और इसे सही बताया है। किसानों से बातचीत के मुद्दे पर तोमनर ने कहा है कि हम किसानों से बातचीत करने के लिए तैयार हैं। किसान हमारे प्रस्ताव पर अपनी राय दें, हम निश्चित रूप से किसानों के साथ बातचीत करेंगे

 

 

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