संवाददाता
प्रखर प्रहरी
दिल्लीः केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान अब हमारे बीच नहीं रहे। उनका गुरुवार को दिल्ली में निधन हो गया। वा 74 साल के थे और पिछले कुछ दिनों से बीमार थे। उनका दिल्ली के एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में ुपचार जल रहा था। उनके पुत्र चिराग पासवान ने ट्वीट कर उनके निधन की जानकारी दी। चिराग ने ट्विटर पर अपने बचपन की तस्वीर को शेयर करते हुए ट्वीट किया, “पापा अब आप इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन मुझे पता है, आप जहां भी हैं, हमेशा मेरे साथ हैं। Miss you Papa…”
पापा….अब आप इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं हमेशा मेरे साथ हैं।
Miss you Papa… pic.twitter.com/Qc9wF6Jl6Z— युवा बिहारी चिराग पासवान (@iChiragPaswan) October 8, 2020
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी तथा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रामविलास पासवान के निधन पर शोक व्यक्त किया है। कोविंद ने शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया…
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन से देश ने एक दूरदर्शी नेता खो दिया है। उनकी गणना सर्वाधिक सक्रिय तथा सबसे लंबे समय तक जनसेवा करने वाले सांसदों में की जाती है। वे वंचित वर्गों की आवाज़ मुखर करने वाले तथा हाशिए के लोगों के लिए सतत संघर्षरत रहने वाले जनसेवक थे।
— President of India (@rashtrapatibhvn) October 8, 2020
आपातकाल विरोधी आंदोलन के दौरान जयप्रकाश नारायण जैसे दिग्गजों से लोकसेवा की सीख लेनेवाले पासवान जी फायरब्रांड समाजवादी के रूप मे उभरे। उनका जनता के साथ गहरा जुड़ाव था और वे जनहित के लिए सदा तत्पर रहे। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी गहन शोक-संवेदना।
— President of India (@rashtrapatibhvn) October 8, 2020
पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा…
Working together, shoulder to shoulder with Paswan Ji has been an incredible experience. His interventions during Cabinet Meetings were insightful. From political wisdom, statesmanship to governance issues, he was brilliant. Condolences to his family and supporters. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 8, 2020
Shri Ram Vilas Paswan Ji rose in politics through hardwork and determination. As a young leader, he resisted tyranny and the assault on our democracy during the Emergency. He was an outstanding Parliamentarian and Minister, making lasting contributions in several policy areas. pic.twitter.com/naqx27xBoj
— Narendra Modi (@narendramodi) October 8, 2020
I am saddened beyond words. There is a void in our nation that will perhaps never be filled. Shri Ram Vilas Paswan Ji’s demise is a personal loss. I have lost a friend, valued colleague and someone who was extremely passionate to ensure every poor person leads a life of dignity. pic.twitter.com/2UUuPBjBrj
— Narendra Modi (@narendramodi) October 8, 2020
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा…
रामविलास पासवान जी के असमय निधन का समाचार दुखद है। ग़रीब-दलित वर्ग ने आज अपनी एक बुलंद राजनैतिक आवाज़ खो दी।
उनके परिवारजनों को मेरी संवेदनाएँ।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 8, 2020
वहीं नीतीश ने कहा…
केंद्रीय मंत्री एवं लोकप्रिय राजनेता राम विलास पासवान जी के निधन से मुझे व्यक्तिगत तौर पर दुःख पहुंचा है। उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें। https://t.co/sZTRR0iH5N
— Nitish Kumar (@NitishKumar) October 8, 2020
पासवान का राजनीति सफर, 1969 में लड़ा था पहला चुनाव
पांच जुलाई 1946 को बिहार के खगड़िया जिले एक गरीब और दलित परिवार में रामविलास पासवान का जन्म हुआ था। उन्होंने बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी झांसी से एमए और पटना यूनिवर्सिटी से एलएलबी की उपाधि हासिल की थी।
– 1969 में पहली बार बिहार से राज्यसभा चुनाव में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के कैंडिडेट के तौर पर चुनाव जीते।
– 1977 में छठी लोकसभा में जनता पार्टी के टिकट पर सांसद बने।
– 1982 में लोकसभा चुनाव में पासवान दूसरी बार जीते।
– 1983 में उहोंने दलित सेना का गठन किया तथा 1989 में नौवीं लोकसभा में तीसरी बार चुने गए।
– 1996 में दसवीं लोकसभा में वे निर्वाचित हुए।
– 2000 में पासवान ने जनता दल यूनाइटेड से अलग होकर लोक जन शक्ति पार्टी का गठन किया। बाद वह यूपीए सरकार से जुड़ गए और रसायन एवं खाद्य मंत्री तथा इस्पात मंत्री बने।
– 2004 में लोकसभा चुनाव जीता, लेकिन 2009 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। बारहवीं, तेरहवीं और चौदहवीं लोकसभा में भी चुनाव जीते।
– 2010 में बिहार से राज्यसभा के सदस्य निर्वाचित हुए और कार्मिक तथा पेंशन मामले और ग्रामीण विकास समिति के सदस्य बनाए गए थे।