दिल्लीः  कल यानी सोमवार 14 अप्रैल को डॉ बीआर आंबेडकर की जयंती है। उनके विचार आज भी लोगों में जोश भरते हैं। उनकी जयंती के मौके पर हम आपको उनके अनमोल वचन बताने जा रहे हैं, जिसकी जानकारी भारतीय को होनी चाहिए। ये कोट्स आंबेडकर जयंती पर भाषण जैसी चीजों में भी प्रयोग हो सकते हैं।

डॉ. बीआर अंबेडकर का पूरा नाम था- डॉ भीमराव आंबेडकर। 14 अप्रैल 1891 को मध्यप्रदेश महू में आंबेडकर का जन्म हुआ था। प्रमुख तौर पर तो उन्हें भारतीय संविधान निर्माता के रूप में याद किया जाता है। इसके अलावा बीआर अंबेडकर उच्चतम शिक्षित, न्यायप्रिय, समानता के समर्थक, समाज सुधारक भी थे। उन्होंने बेखौफ, बेधड़क अपने विचार खुलकर रखे। उनके विचार आज भी हर किसी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं। उनकी दूरदर्शिता और प्रगतिशील मानसिकता दर्शाते हैं। यहां आंबेडकर के 10 अनमोल वाक्य दिए गए हैं, जिनकी गूंज सदियों तक बरकरार रहेगी।

देश के लिए भीमराव आंबेडकर ने कहा था- ‘अगर हमें एक महान राष्ट्र बनना है, तो हमें पहले एक अनुशासित राष्ट्र बनना होगा।’ (फोटो- Gemini/ canva)

  • आंबेडकर महिलाओं की समानता के बड़े समर्थक थे। उन्होंने कहा था- ‘मैं किसी समुदाय की प्रगति उस समाज में महिलाओं की स्थिति से मापता हूं।’
  • अपने विचार और तर्क रखने के बारे में बाबासाहब ने कहा था- ‘मनुष्य नश्वर है, वैसे ही विचार भी नश्वर हैं। एक विचार को प्रचार और बहस के जरिए जीवित रखा जा सकता है।’
  • भारत का संविधान बनाने वाले बीआर आंबेडकर ने संविधान के बारे में कहा था- ‘संविधान केवल वकीलों का दस्तावेज नहीं है, यह जीवन का एक वाहन है और इसकी आत्मा है सामाजिक न्याय।’
  • ‘शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो।’ यह विचार अंबेडकर के सामाजिक आंदोलन की मूल आत्मा था।
  • ‘विधानसभा में मुझे जो भी अधिकार मिले हैं, वह मुझे भारतीय संविधान ने दिए हैं। न कि किसी भगवान या धर्म ने।’
  • राजनीति और समाज के बारे में बाबासाहब भीमराव अंबेडकर ने कहा था- ‘राजनीतिक अत्याचार की तुलना में सामाजिक अत्याचार अधिक क्रूर होता है।’
  • यहां दिए गए बीआर अंबेडकर के कोट्स उनके 1936 क प्रसिद्ध व्याख्यान ‘Annihilation of Caste’, लंडन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स 1923 में उनकी डॉक्टरेट थीसिस ‘The Problem of the Rupee’, संविधान निर्माण के समय उनके भाषण और आंबेडकर फाउंडेशन द्वारा प्रकाशित ‘Dr. Babasaheb Ambedkar: Writings and Speeches’ से लिए गए हैं। इनमें से एक कोट है- ‘जिस इतिहास को भूला दिया जाता है, वह खुद को दोहराता है।’
  • ‘जो झुकता है, वह उठ खड़ा भी हो सकता है। जो झुकता नहीं, वह टूटता है।’ – डॉ. बीआर आंबेडकर (फोटो- File/ Canva)
  • डॉ. बीआर आंबेडकर के कोट्स में से एक सबसे दमदार विचार- ‘एक सभ्य समाज की पहचान यह है कि वह अपने कमजोर वर्गों से कैसे व्यवहार करता है।

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